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Up Kiran, Digital Desk: उत्तराखंड में चुनावी व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया है। यह कदम भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर उठाया जा रहा है। इस प्रक्रिया के तहत 2026 फरवरी से राज्य के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची की पुनरावलोकन प्रक्रिया शुरू होगी, जिसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।

चुनाव आयोग का कहना है कि सभी राजनीतिक दलों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे बूथ स्तर पर कार्य करें और मतदान केंद्रों के लिए अपने-अपने प्रतिनिधियों (BLOs) की नियुक्ति करें। खासकर, सभी 11,733 पोलिंग बूथों पर एक-एक बीएलओ की तैनाती करना आवश्यक होगा।

कब से शुरू होगी एसआईआर?

एसआईआर का कार्य फरवरी 2026 से शुरू होगा, और इस प्रक्रिया के दौरान सभी मतदाताओं को अपनी जानकारी को अद्यतन करने के लिए एक परिगणना फॉर्म भरना होगा। अगर कोई मतदाता फॉर्म भरने में असफल रहता है, तो उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मतदाता सूची में केवल सही और सक्रिय मतदाताओं के नाम शामिल हों।

क्या होगा विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया का असर?

एसआईआर के तहत उन सभी मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे, जिनके नाम कई स्थानों पर पंजीकृत हैं। उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में ऐसे मतदाता पाए गए हैं, जिनके नाम एक ही समय में उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, और झारखंड जैसे राज्यों की मतदाता सूची में भी दर्ज हैं। खासकर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सीमा पर बसे शहरों और कस्बों में ऐसे मामलों की संख्या अधिक है।

कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र में भी ऐसे कई मतदाता सामने आए हैं, जिनके नाम दो स्थानों पर दर्ज हैं। एसआईआर के तहत ऐसे मतदाताओं को अपना नाम एक स्थान से हटाना होगा, ताकि केवल एक स्थान पर उनका नाम सही तरीके से दर्ज हो सके।

राज्य के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में एसआईआर को लेकर बढ़ी चिंता

सूत्रों के मुताबिक, उत्तराखंड के मुस्लिम बहुल इलाकों में एसआईआर को लेकर काफी दहशत बनी हुई है। कई सालों से यह चिंता जताई जा रही थी कि यहां के मतदाता कई अन्य राज्यों की मतदाता सूची में भी पंजीकृत हैं। इन क्षेत्रों में, खासकर यूपी और बिहार से आए लोग सरकारी भूमि पर अवैध रूप से बसे हुए हैं, और इनमें से कई लोग अपनी पहचान सही करने के लिए एसआईआर प्रक्रिया को लेकर आशंकित हैं।