
Up Kiran, Digital Desk: गुजरात का वन विभाग, वांटारा (Vantara) के सहयोग से, राज्य के बर्दा अभयारण्य (Barda Sanctuary) में 33 चित्तीदार हिरणों (spotted deer) को छोड़ने की एक महत्वपूर्ण पहल करने जा रहा है। यह साझेदारी राज्य में वन्यजीव संरक्षण (wildlife conservation) और जैव विविधता (biodiversity) को बढ़ावा देने के प्रयासों का एक हिस्सा है।
क्या है यह साझेदारी और इसका महत्व?
गुजरात वन विभाग और वांटारा, जो वन्यजीवों के बचाव और पुनर्वास के क्षेत्र में सक्रिय है, मिलकर बर्दा अभयारण्य में चित्तीदार हिरणों की आबादी को बढ़ाने का लक्ष्य रख रहे हैं। यह कदम इन हिरणों के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करेगा और अभयारण्य के पारिस्थितिकी तंत्र (ecosystem) को भी समृद्ध करेगा।
बर्दा अभयारण्य में 'नया जीवन':
बर्दा अभयारण्य, जो अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है, इन 33 चित्तीदार हिरणों के लिए एक आदर्श निवास स्थान प्रदान करेगा। यह माना जा रहा है कि यह परियोजना हिरणों की आबादी को स्थिर करने और उन्हें उनके प्राकृतिक आवास में पनपने का अवसर देगी।
वन्यजीव संरक्षण की दिशा में गुजरात का प्रयास:
गुजरात सरकार हमेशा से वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति प्रतिबद्ध रही है। वन विभाग (Forest Department) ऐसे कई कार्यक्रम चलाता है जिनका उद्देश्य राज्य के वन्यजीवों (wildlife) और उनके प्राकृतिक आवासों (natural habitats) की रक्षा करना है। वांटारा के साथ यह साझेदारी इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है, जो प्रकृति संरक्षण (nature conservation) के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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