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Up kiran,Digital Desk : मुंबई नगर निगम चुनावों से पहले कांग्रेस और वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के बीच घोषित गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। प्रकाश अंबेडकर के नेतृत्व वाली वीबीए अपने हिस्से में आई 62 सीटों में से 20 सीटों पर उम्मीदवार ही खड़े नहीं कर पाई। 15 जनवरी को होने वाले चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख समाप्त होने के साथ ही यह स्थिति सामने आई है।

रणनीति पर फिर उठे सवाल

इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस को अपनी चुनावी रणनीति पर दोबारा विचार करना पड़ सकता है। 227 सदस्यीय बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों के लिए हाल ही में कांग्रेस और वीबीए के बीच 143-62 सीटों का बंटवारा तय हुआ था। इसके अलावा राष्ट्रीय समाज पक्ष और आरपीआई (गवई) गुट को भी कुछ सीटें देने का फैसला किया गया था।

कांग्रेस को लौटाईं सीटें

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, वीबीए ने पार्टी को औपचारिक रूप से सूचित किया है कि उनके पास 20 वार्डों में चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार उपलब्ध नहीं हैं और इसलिए वे सीटें कांग्रेस को वापस कर दी गई हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने कहा कि उन्हें उन क्षेत्रों में कांग्रेस समर्थकों के प्रति सहानुभूति है, जहां अब तक स्थिति साफ नहीं हो पाई।

गौरतलब है कि वीबीए का प्रभाव मुंबई और महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में दलित और नवबौद्ध मतदाताओं के बीच माना जाता है। डॉ. भीमराव अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर के नेतृत्व वाला यह दल इन्हीं वर्गों में अपनी राजनीतिक पकड़ के लिए जाना जाता है।

राज–उद्धव की अहम मुलाकात

इसी बीच, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे ने मंगलवार शाम शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष और अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। बांद्रा स्थित ‘मातोश्री’ में हुई इस बैठक को नागरिक निकाय चुनावों से पहले सीट बंटवारे से जुड़ी आखिरी अड़चनों को सुलझाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

एमएनएस और शिवसेना (यूबीटी) मुंबई समेत कई नगर निकायों में गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रहे हैं। मुंबई में इस गठबंधन में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) भी शामिल है।

बीएमसी चुनाव का समीकरण

15 जनवरी को बीएमसी सहित राज्य के 29 नगर निकायों के चुनाव होंगे और मतगणना अगले दिन की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना (यूबीटी) 150 से अधिक सीटों पर उम्मीदवार उतार सकती है, जबकि 11 सीटें शरद पवार गुट की एनसीपी को और शेष सीटें एमएनएस को मिलेंगी।
वहीं सत्ताधारी पक्ष में भाजपा 137 और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।