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Up Kiran, Digital Desk: क्रिकेट के प्रति अपने जुनून के लिए जाना जाता है, लेकिन अब अन्य खेल भी धीरे-धीरे अपनी पहचान बना रहे हैं। इनमें एक तेजी से उभरता खेल है 'पैडल' (Padel)। यह टेनिस और स्क्वैश का एक हाइब्रिड खेल है, जो बंद कोर्ट में खेला जाता है और इसकी लोकप्रियता दुनिया भर में बढ़ रही है। इस खेल को भारत में एक 'टॉप-लेवल स्पोर्ट' बनाने की क्षमता पर अब दुनिया की शीर्ष पैडल खिलाड़ियों में से एक, वेरोनिका विर्सेडा (Veronica Virseda) ने भी अपनी सहमति जताई है।

वर्ल्ड पैडल टूर (WPT) की तीसरी सीज़न से पहले, वेरोनिका विर्सेडा ने भारत में पैडल के भविष्य को लेकर काफी आशा व्यक्त की है। उनका मानना है कि भारत के पास इस खेल को अगले स्तर तक ले जाने की अपार क्षमता है।

क्यों भारत में पैडल का भविष्य उज्ज्वल है?

युवा आबादी (Young Population): भारत में युवाओं की एक बड़ी आबादी है जो नए और रोमांचक खेलों को अपनाने के लिए तैयार रहती है।

खेल के प्रति उत्साह (Sports Enthusiasm): भले ही क्रिकेट सबसे लोकप्रिय हो, लेकिन भारतीयों में खेलों के प्रति सामान्य रूप से गहरा उत्साह है।

बढ़ते खेल बुनियादी ढांचा (Growing Sports Infrastructure): शहरी क्षेत्रों में धीरे-धीरे बेहतर खेल सुविधाएं और क्लब बन रहे हैं।

आसान सीखने वाला खेल (Easy to Learn): टेनिस या स्क्वैश की तुलना में पैडल को सीखना अपेक्षाकृत आसान है, जिससे यह नए खिलाड़ियों के लिए आकर्षक बनता है।

वेरोनिका विर्सेडा ने भारत में WPL (वर्ल्ड पैडल लीग) के आयोजन की सराहना की। उनका मानना है कि इस तरह की लीग अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को भारत लाने और स्थानीय प्रतिभाओं को एक्सपोजर देने में मदद करती है। यह भारतीय दर्शकों को भी इस खेल से परिचित कराती है और उन्हें खिलाड़ियों से जुड़ने का मौका देती है।

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जमीनी स्तर पर (grassroots level) प्रशिक्षण कार्यक्रम और अकादमियां स्थापित करना महत्वपूर्ण है, ताकि युवा प्रतिभाओं को शुरुआती उम्र से ही पैडल खेलने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। विर्सेडा ने कहा कि अगर सही निवेश और समर्पण के साथ काम किया जाए, तो भारत जल्द ही अंतरराष्ट्रीय पैडल मंच पर एक मजबूत दावेदार बन सकता है।

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