
दिल्ली यूनिवर्सिटी के लक्ष्मीबाई कॉलेज की प्रिंसिपल प्रत्यूष वत्सला का एक वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। इस वीडियो में वह खुद क्लासरूम की दीवारों पर गोबर का लेप लगाते हुए दिखाई दे रही हैं। हालांकि, यह कोई अंधविश्वास या अनौपचारिक गतिविधि नहीं है, बल्कि एक रिसर्च प्रोजेक्ट का हिस्सा है जिसे पारंपरिक भारतीय ज्ञान पर आधारित बताया जा रहा है।
रिसर्च प्रोजेक्ट का उद्देश्य: क्लासरूम को प्राकृतिक रूप से ठंडा रखना
प्रिंसिपल वत्सला ने इस पहल के पीछे का मकसद स्पष्ट करते हुए बताया कि यह एक अनुसंधान परियोजना का हिस्सा है, जिसका शीर्षक है—“पारंपरिक भारतीय ज्ञान का उपयोग करके तापीय तनाव नियंत्रण का अध्ययन।” इस परियोजना का उद्देश्य गर्मियों में क्लासरूम के तापमान को बिना किसी कृत्रिम साधन के प्राकृतिक तरीके से नियंत्रित करना है। इसके तहत गोबर और मिट्टी जैसे पारंपरिक तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है जो पहले ग्रामीण भारत में घरों को ठंडा रखने के लिए इस्तेमाल किए जाते थे।
रिसर्च अभी प्रक्रियाधीन, एक सप्ताह में साझा होंगी पूरी जानकारियां
वत्सला ने कहा कि यह परियोजना फिलहाल शुरुआती चरण में है और रिसर्च “पोर्टा केबिन” में की जा रही है। उन्होंने बताया कि उन्होंने खुद भी लेप लगाने में भाग लिया क्योंकि उनका मानना है कि प्राकृतिक मिट्टी को छूने से कोई नुकसान नहीं होता। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग इस प्रयास को बिना पूरी जानकारी के गलत तरीके से पेश कर रहे हैं।
उन्होंने सभी को आश्वस्त किया कि एक सप्ताह के भीतर वह पूरी रिसर्च रिपोर्ट और इसके प्रभावों की जानकारी साझा करेंगी, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि यह कदम वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कितना उपयोगी है।
वीडियो में दिखा कार्य का दृश्य
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में वत्सला अपने सहयोगियों की मदद से दीवारों पर गोबर का लेप करती नजर आ रही हैं। साथ ही उन्होंने शिक्षकों को एक संदेश भी साझा किया, जिसमें कहा गया, “जिन कक्षाओं में ये प्रयोग हो रहे हैं, उन्हें जल्द ही नया रूप मिलेगा। हमारा प्रयास है कि विद्यार्थियों और शिक्षकों दोनों के लिए शिक्षा का माहौल और अधिक आरामदायक और प्रभावशाली बनाया जा सके।”
लक्ष्मीबाई कॉलेज: एक संक्षिप्त परिचय
लक्ष्मीबाई कॉलेज की स्थापना वर्ष 1965 में हुई थी और इसका नाम झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के सम्मान में रखा गया है। यह कॉलेज दिल्ली सरकार के अधीन संचालित होता है और अशोक विहार में स्थित है। कॉलेज में पांच प्रमुख ब्लॉक हैं और यह रिसर्च परियोजना फिलहाल इनमें से एक ब्लॉक पर केंद्रित है।