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भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक, विराट कोहली ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। उनके इस फैसले से फैंस के साथ-साथ क्रिकेट जगत भी हैरान है। विराट का टेस्ट करियर कई सुनहरी पलों से भरा रहा, लेकिन 2014-15 का ऑस्ट्रेलिया दौरा उनके करियर का एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हुआ। इसी दौरे ने उन्हें 'रेड बॉल क्रिकेट का बादशाह' बना दिया।

विराट के टेस्ट करियर का वो दौरा, जब विरोधियों के छुड़ाए छक्के; कंगारुओं को मसलकर बने थे रेड बॉल क्रिकेट के बादशाह

एडिलेड टेस्ट: दो शतकों से किया धमाका


दौरे की शुरुआत एडिलेड टेस्ट से हुई, जिसमें विराट ने कप्तान के तौर पर पहली बार टीम की कमान संभाली। भले ही भारत यह मुकाबला 48 रनों से हार गया, लेकिन कोहली ने दोनों पारियों में शतक लगाकर ऑस्ट्रेलियाई सरज़मीं पर अपना लोहा मनवाया। पहली पारी में उन्होंने 115 और दूसरी पारी में 141 रनों की दमदार पारी खेली।

विराट के टेस्ट करियर का वो दौरा, जब विरोधियों के छुड़ाए छक्के; कंगारुओं को मसलकर बने थे रेड बॉल क्रिकेट के बादशाह

ब्रिसबेन टेस्ट: एकमात्र फ्लॉप मैच


ब्रिसबेन में कोहली का बल्ला शांत रहा। पहली पारी में 19 और दूसरी में सिर्फ 1 रन बनाकर पवेलियन लौटे। भारत यह मुकाबला 4 विकेट से हार गया, लेकिन टीम ने ऑस्ट्रेलिया को कड़ी टक्कर दी।

 

मेलबर्न टेस्ट: 169 रनों की यादगार पारी


तीसरे टेस्ट में कोहली ने एक बार फिर बल्ले से जवाब दिया। उन्होंने 169 रनों की शानदार पारी खेली और दूसरी पारी में 54 रन भी जोड़े। यह मुकाबला ड्रॉ रहा।

सिडनी टेस्ट: फिर चला विराट का बल्ला


आखिरी टेस्ट में कोहली ने 147 रन बनाए और दूसरी पारी में 46 रन की उपयोगी पारी खेली। मुकाबला ड्रॉ रहा और कोहली इस सीरीज में 692 रन के साथ सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ रहे। भले ही भारत यह सीरीज हार गया, लेकिन इस दौरे ने कोहली को टेस्ट क्रिकेट का नया चेहरा बना दिया। इसके बाद उन्होंने कप्तान के रूप में भारत को लगातार दो बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जिताईं। यही से शुरू हुआ था 'किंग कोहली' का युग।

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