
Up Kiran, Digital Desk: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) ने खेल की शुचिता (purity of sport) और निष्पक्षता (fairness) बनाए रखने के लिए एक सख्त कदम उठाते हुए, 11 पहलवानों (grapplers) को निलंबित (suspended) कर दिया है। यह कार्रवाई दिल्ली नगर निगम (MCD) द्वारा 110 जन्म प्रमाण पत्रों (birth certificates) के सत्यापन (verification) के बाद हुई, जिसमें यह पाया गया कि इनमें से कई दस्तावेज या तो फर्जी (fake) थे या देरी से जारी (delayed registrations) किए गए थे। (Source Text)
खेल में 'उम्र' का जाल: एक गंभीर समस्या :पहलवानी के खेल में दो प्रमुख मुद्दे चिंता का विषय बने हुए हैं: ओवरएज पहलवानों (overage wrestlers) का कम उम्र वर्ग की प्रतियोगिताओं (lower age-group competitions) में भाग लेना, और फर्जी जन्म प्रमाण पत्रों का उपयोग करके अपने मूल स्थान (domicile) के बजाय किसी अलग राज्य का प्रतिनिधित्व (represent a different state) करने का प्रयास करना।
कुछ मामलों में, जन्म के 12-15 साल बाद (12-15 years after the birth) तक भी जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए थे, जो किसी बड़े 'फर्जीवाड़े' (foul play) की ओर इशारा कर रहा था। इस गंभीर चिंता को देखते हुए, WFI ने MCD को कुछ प्रमाणपत्रों के सत्यापन के लिए एक सूची प्रदान की थी। MCD ने सत्यापन के बाद WFI को सूचित किया कि उन्होंने वास्तव में जन्म प्रमाण पत्र जारी किए थे, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि एक वर्ष से अधिक की देरी (delayed registration after one year) वाले पंजीकरण सीधे MCD द्वारा नहीं, बल्कि उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (SDM) के आदेशों (orders) के तहत किए जाते हैं।
नकली' लाभ बनाम 'असली' खिलाड़ी:कई प्रतियोगिताओं में, विशेष रूप से राष्ट्रीय जूनियर टीमों (national junior teams) के चयन के लिए होने वाली ट्रायल्स (trials) में, यह साफ देखा गया है कि कई पहलवान कम आयु वर्ग में प्रवेश कर लेते हैं और अपने वास्तविक प्रतिद्वंद्वियों (genuine rivals) पर अनुचित लाभ (advantage) प्राप्त करते हैं। यह न केवल उन होनहार खिलाड़ियों के साथ अन्याय है जो नियमों का पालन करते हैं, बल्कि यह खेल की नींव को भी कमजोर करता है।
हरियाणा में 'प्रतिस्पर्धा का गढ़' और 'नकली वादे:हरियाणा, कुश्ती का एक प्रमुख केंद्र (hotbed of wrestling) होने के नाते, बहुत कड़ी प्रतिस्पर्धा (stiff competition) का सामना करता है। राज्य की टीम में शामिल होना दिनों-दिन कठिन होता जा रहा है। ऐसे में, कुश्ती में करियर बनाने की इच्छुक कई एथलीट (athletes) फर्जी प्रमाण पत्र प्राप्त करके पड़ोसी राज्य दिल्ली के माध्यम से रास्ता निकालने की कोशिश करते हैं।
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