
यूरिक एसिड की समस्या से राहत चाहते हैं? इन आयुर्वेदिक उपायों को अपनाएं
आज की व्यस्त जीवनशैली और अनियमित खानपान ने सेहत से जुड़ी कई समस्याओं को जन्म दिया है। इन्हीं में से एक है हाई यूरिक एसिड, जो अक्सर जोड़ों के दर्द और सूजन का कारण बनता है। समय पर ध्यान न दिया जाए तो यह परेशानी गठिया जैसी गंभीर स्थिति में बदल सकती है। अच्छी खबर यह है कि आयुर्वेद में कुछ ऐसी जड़ी-बूटियों और घरेलू उपायों का जिक्र है, जो इस समस्या से राहत दिलाने में बेहद कारगर हैं।
अगर आप यूरिक एसिड को नियंत्रित करना चाहते हैं, तो अपनी डाइट में हल्के बदलाव के साथ इन आयुर्वेदिक उपायों को अपनाकर फर्क महसूस कर सकते हैं।
1. त्रिफला – शरीर को करें डिटॉक्स
त्रिफला एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है, जिसमें हरड़, बहेड़ा और आंवला शामिल होते हैं। यह न केवल शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है, बल्कि यूरिक एसिड के स्तर को भी नियंत्रित करता है।
कैसे करें सेवन
रात को सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लें।
चाहें तो त्रिफला का काढ़ा बनाकर भी सुबह या रात में पी सकते हैं।
2. अदरक – सूजन और दर्द का प्राकृतिक इलाज
अदरक अपने सूजन-रोधी गुणों के लिए जाना जाता है। इसमें मौजूद तत्व यूरिक एसिड को कम करने में मदद करते हैं और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाते हैं।
कैसे करें सेवन
अदरक के रस में शहद मिलाकर दिन में एक बार लें।
अदरक की चाय बनाकर दिन में 1-2 बार पी सकते हैं। यह शरीर को आराम देता है और सूजन को कम करता है।
3. गिलोय – रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए और यूरिक एसिड घटाए
गिलोय को आयुर्वेद में एक शक्तिशाली जड़ी-बूटी माना जाता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है और यूरिक एसिड को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है।
कैसे करें सेवन
सुबह खाली पेट 10 से 20 मिलीलीटर गिलोय रस पिएं।
गिलोय की डंडियों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं और दिन में एक बार सेवन करें।
अन्य ज़रूरी बातें
पानी अधिक मात्रा में पिएं ताकि शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकल सकें।
प्रोटीन, खासकर रेड मीट और सी-फूड का सेवन सीमित करें।
शराब और अधिक मीठी चीजों से बचें।
नियमित हल्का व्यायाम करें, जैसे वॉक या योग।