
क्या वक्फ एक्ट 1995 अब कानूनी चुनौती के घेरे में आ गया है? हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस अधिनियम को लेकर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। एक याचिका में इस कानून की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाए गए हैं।
यह याचिका दावा करती है कि वक्फ अधिनियम, 1995 विशेष रूप से एक धर्म विशेष को लाभ पहुंचाने वाला कानून है और यह संविधान के समानता के अधिकार (अनुच्छेद 14) का उल्लंघन करता है। याचिकाकर्ता का कहना है कि वक्फ बोर्ड को विशेष अधिकार देना अन्य धर्मों के साथ भेदभाव करता है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट का कहना है कि यह गंभीर मुद्दा है और सरकार को अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए।
वक्फ एक्ट 1995 के तहत देशभर में लाखों एकड़ जमीन वक्फ संपत्ति के अंतर्गत आती है। इन संपत्तियों का प्रबंधन वक्फ बोर्ड द्वारा किया जाता है, जिसे सरकार की मान्यता प्राप्त होती है। लेकिन अब इस पूरे सिस्टम की पारदर्शिता और कानूनी आधार पर सवाल खड़े हो गए हैं।
इस केस की अगली सुनवाई आने वाले हफ्तों में होगी, और तब तक इसपर देशभर में चर्चा बनी रहेगी।
क्या यह कानून बदल सकता है? या सुप्रीम कोर्ट इसे रद्द कर सकता है? ये सवाल अब कानूनी और सामाजिक स्तर पर बहस का विषय बन गए हैं
--Advertisement--