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झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन ने स्पष्ट किया है कि सूबे में वक्फ संशोधन कानून लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने इस कानून को मुसलमानों के खिलाफ साजिश बताते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर इल्जाम लगाया कि ये विधेयक मुस्लिम समुदाय को परेशान करने के उद्देश्य से लाया गया है।

मंत्री हसन ने बुधवार को रांची स्थित हज हाउस में राज्य हज कमेटी द्वारा आयोजित हज प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि ये कानून मुसलमानों के अधिकारों का हनन करता है और भाजपा की विभाजनकारी राजनीति का हिस्सा है। झारखंड सरकार इसे राज्य में लागू नहीं करेगी।

विरोध प्रदर्शनों की लहर तेज

वक्फ संशोधन विधेयक के संसद में पारित होने के बाद देशभर में मुस्लिम समुदाय में आक्रोश फैल गया है। कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, हैदराबाद और रांची के साथ साथ कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने इस कानून को मुस्लिम अधिकारों के खिलाफ बताया और इसे वापस लेने की मांग की।

झारखंड में भी विरोध की लहर देखी गई है। रांची में ऑल मुस्लिम यूथ एसोसिएशन (आमया) के बैनर तले विभिन्न संगठनों ने राजभवन के पास धरना दिया और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।

हज यात्रा की तैयारियां जोरों पर

इस वर्ष झारखंड से 1,301 हज यात्री मक्का-मदीना की यात्रा पर जाएंगे। प्रत्येक यात्री को लगभग 3.58 लाख रुपये खर्च करने होंगे, जिसमें कुर्बानी के लिए अतिरिक्त राशि शामिल है। हालांकि, इस बार भी रांची से सीधी उड़ान सेवा उपलब्ध नहीं होगी; यात्रियों को पहले कोलकाता जाना होगा, जहां से वे जेद्दा के लिए उड़ान भरेंगे।

हज यात्रियों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने 9 स्टेट हज इंस्पेक्टर नियुक्त किए हैं, जिनमें एक महिला इंस्पेक्टर भी शामिल हैं। हज कमेटी ने यात्रियों को हज से संबंधित आवश्यक जानकारी प्रदान की है।