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Up Kiran, Digital Desk: महाराष्ट्र की राजनीतिक पंरपरा में एक और नया मोड़ आया है, जब भाजपा के नेता और मंत्री नितेश राणे ने एक गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि शरद पवार की पार्टी एनसीपी-एसपी के विधायक रोहित पवार भाजपा के नेताओं के संपर्क में थे। यह बयान इसलिए खास है क्योंकि रोहित पवार, जो शरद पवार के पोते और अहम पार्टी सदस्य हैं, का भाजपा से संबंध होना उनके परिवार और पार्टी के भीतर बड़ी हलचल का कारण बन सकता है।

राणे ने यह दावा करते हुए कहा कि भले ही रोहित पवार फिलहाल एनसीपी-एसपी के साथ जुड़े हैं, उनका दिल भाजपा के साथ है। उन्होंने आरोप लगाया कि 2019 में रोहित पवार भाजपा में शामिल होने वाले थे, लेकिन किसी कारणवश ऐसा नहीं हुआ। राणे ने कहा, "अगर हम यह बताना शुरू कर दें कि वह किस किस भाजपा नेता से संपर्क में थे, तो उनका चेहरा छिपाने की जगह नहीं होगी।"

इस आरोप के जवाब में रोहित पवार ने इसे पूरी तरह से नकारा किया और मीडिया से कहा कि वह उन लोगों के बारे में टिप्पणी कर रहे हैं, जो खुद राजनीतिक कीचड़ में फंसे हुए हैं। पवार ने यह भी कहा कि जब राणे से पार्टी बदलने को लेकर सवाल पूछा गया था, तब उन्होंने कैसे उग्र प्रतिक्रिया दी थी, यह सभी को याद है। राकांपा नेता ने यह भी कहा, "राणे की तरह वह पार्टियां बदलते हैं, जैसे लोग कपड़े बदलते हैं। उन्हें खुद की आलोचना करने से पहले अपने आचरण पर विचार करना चाहिए।"

यह बयान इसलिए अहम है क्योंकि राणे की राजनीतिक गतिविधियां हमेशा चर्चा में रही हैं। हाल ही में उन्होंने मराठी और हिंदी भाषा विवाद में भी उथल-पुथल मचाई थी। राणे ने इस विवाद के दौरान राज और उद्धव ठाकरे को चुनौती दी थी कि वे मुस्लिम बहुल इलाकों में जाकर मराठी बोलने के लिए लोगों को राजी करने की कोशिश करें।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राणे के इस नए आरोप से भाजपा और एनसीपी के बीच का तनाव और भी बढ़ सकता है। यह दावा न केवल रोहित पवार के लिए एक व्यक्तिगत हमला है, बल्कि यह पूरे पवार परिवार और उनकी पार्टी के लिए एक चुनौती का रूप ले सकता है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस आरोप के बाद भाजपा और एनसीपी के बीच की राजनीति किस दिशा में जाएगी।

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