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Up Kiran, Digital Desk: पंजाब एक भीषण बाढ़ संकट का सामना कर रहा है। रावी और सतलुज नदियों के उफान से राज्य के 23 जिलों के 1,655 गांव पानी में डूब गए हैं। अमृतसर, गुरदासपुर और लुधियाना सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं। अकेले अमृतसर में 390 गांव जलमग्न हैं। रामदास क्षेत्र में रावी नदी के किनारे 100 फुट की दरार से हालात और गंभीर हो गए हैं।

3.55 लाख से अधिक लोग इस आपदा से प्रभावित हुए हैं। हजारों घरों में पानी भर चुका है और सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है।

हरिके से छोड़ा गया पानी, सतलुज बना कहर

हरिके हेडवर्क्स से सतलुज नदी में छोड़े गए 3.03 लाख क्यूसेक पानी ने फाजिल्का के 34 गांवों को खतरे में डाल दिया है। भाखड़ा बांध का जलस्तर 1678.97 फीट तक पहुंच चुका है, जो 1680 फीट के खतरे के निशान से सिर्फ दो फीट नीचे है। यहां से छोड़ा गया 73,459 क्यूसेक पानी भी सतलुज में मिलकर हालात बिगाड़ रहा है।

अलर्ट पर प्रशासन, बढ़ा राहत कार्य

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मानसा, संगरूर और बरनाला में अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की है। बारिश थमी है लेकिन खतरा अभी भी कायम है। सतलुज और घग्गर नदियां अब भी उफान पर हैं।

राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने मिलकर राहत कार्य तेज़ कर दिए हैं। एनडीआरएफ की 22 टीमें और सेना, वायुसेना, नौसेना व बीएसएफ की 85 यूनिट्स राहत कार्यों में लगी हैं। 30 से अधिक हेलीकॉप्टर और विमान लगातार फंसे हुए लोगों को निकालने और मदद पहुंचाने में लगे हैं।

राजनीतिक दौरे तेज़, जनता को उम्मीद

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल आज पंजाब का दौरा कर रहे हैं। वे जमीनी हालात का जायज़ा लेंगे और राहत पैकेज की घोषणा की उम्मीद है।

अमृतसर में 1.75 लाख, गुरदासपुर में 1.45 लाख और फाजिल्का में 21,526 लोग प्रभावित हैं। लोग तुरंत मुआवज़ा, पुनर्वास और भविष्य की सुरक्षा के लिए सरकार से ठोस योजना की मांग कर रहे हैं।