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Up Kiran, Digital Desk: पश्चिम बंगाल के पहाड़ी इलाकों में अचानक हुई मूसलधार बारिश ने कहर बरपा दिया है। खासतौर पर दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार जिलों में जनजीवन पूरी तरह से ठप हो गया है। इस भीषण आपदा में अब तक 17 लोगों की जान जा चुकी है, जिससे पूरे राज्य में शोक की लहर है।

12 घंटे में 300 मिमी बारिश ने बढ़ाई मुसीबतें
शनिवार की रात उत्तर बंगाल में कुछ ही घंटों में भारी बारिश ने हालात बिगाड़ दिए। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 12 घंटे में 300 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। इसके साथ ही संकोश नदी में जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया। भूटान और सिक्किम की ओर से भी पानी के तेज बहाव ने स्थिति और गंभीर बना दी।

टूटी सड़कें, ढहे पुल, हर तरफ पानी ही पानी
बारिश और बाढ़ के कारण कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। मिरिक, माटीगाड़ा, अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी जैसे क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ है। दो लोहे के पुल पूरी तरह से ढह चुके हैं और कई सड़कें बह गई हैं, जिससे इन इलाकों का संपर्क बाकी दुनिया से टूट गया है।

पर्यटक फंसे, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं - सरकार ने दिया भरोसा
इन परिस्थितियों में बड़ी संख्या में पर्यटक भी फंसे हुए हैं। लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भरोसा दिलाया है कि किसी को भी अकेला नहीं छोड़ा जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाला जाएगा और बचाव कार्य का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी। उन्होंने पर्यटकों से अपील की है कि वे अपनी जगह पर ही सुरक्षित बने रहें, जब तक उन्हें बाहर निकालने की व्यवस्था नहीं हो जाती।

मुख्यमंत्री ने खुद संभाली कमान, हर अपडेट पर नजर
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर हालात की गंभीरता को साझा किया। उन्होंने बताया कि वे लगातार प्रशासन के संपर्क में हैं और स्थिति की निगरानी कर रही हैं। उन्होंने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और संबंधित जिलों के अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक भी की है। मुख्यमंत्री स्वयं उत्तर बंगाल का दौरा करने वाली हैं ताकि राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की जा सके।