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Up Kiran, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव में राजद की करारी हार के बाद लालू परिवार में भूचाल आया है। लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने अचानक राजनीति छोड़ने और अपने परिवार से नाता तोड़ने की घोषणा कर दी है।

रोहिणी ने सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया कि उनके भाई तेजस्वी यादव, सांसद संजय यादव और करीबी सहयोगी रमीज़ नेमत ने उन्हें "गाली-गलौज, अपमान और मारपीट" का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, "मेरा कोई परिवार नहीं बचा है। उन्होंने मुझे घर से निकाल दिया और बेइज़्ज़त किया।"

उनका कहना है कि पार्टी की चुनावी हार के बावजूद उन्होंने सारा दोष खुद पर लिया, लेकिन व्यक्तिगत और पारिवारिक परिस्थितियों ने उन्हें राजनीति छोड़ने के लिए मजबूर किया।

रमीज़ नेमत कौन हैं?

रमीज़ नेमत, तेजस्वी यादव के करीबी सहयोगी, उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के भंगहाकला गांव से हैं। वे राजनीतिक परिवार से आते हैं। उनके पिता प्रोफेसर थे और वे पूर्व सांसद रिज़वान ज़हीर के दामाद हैं। रमीज़ नेमत क्रिकेट के दिनों से तेजस्वी के साथ रहे हैं और पार्टी में सोशल मीडिया निगरानी और अभियान प्रबंधन जैसी जिम्मेदारियाँ संभालते हैं।

रमीज़ नेमत से जुड़े विवाद

रमीज़ पर कई गंभीर आपराधिक आरोप हैं। 2021 में तुलसीपुर नगर पंचायत अध्यक्ष की हत्या और 2023 में कौशांबी में ठेकेदार की हत्या का आरोप उन पर लगा। उत्तर प्रदेश प्रशासन ने 2023 में उनसे जुड़ी करोड़ों की संपत्ति भी ज़ब्त कर ली थी। उनके राजनीतिक संरक्षण पर पीड़ितों के परिवार ने सार्वजनिक रूप से सवाल उठाए हैं।

राजद में राजनीतिक उलटफेर

रोहिणी का यह इस्तीफा परिवार और पार्टी के संकट के बीच आया है। इससे पहले उनके भाई तेज प्रताप यादव को परिवार और पार्टी से बाहर किया गया था। बिहार के 2025 विधानसभा चुनाव में राजद ने 140 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन केवल 25 सीटें ही जीत पाई।

भाजपा नेताओं ने इसे पारिवारिक मामला बताते हुए चेतावनी दी कि ऐसे विवाद राजद के लिए नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

रोहिणी का भावनात्मक संदेश

रोहिणी ने कहा, "उन्होंने मेरा घर, मेरे अधिकार, मेरी गरिमा छीन ली और मुझे अनाथ बना दिया। किसी भी घर में रोहिणी जैसी बेटी या बहन नहीं होनी चाहिए।" उनका बयान लालू परिवार के भीतर बढ़ते राजनीतिक और व्यक्तिगत तनाव को उजागर करता है।