Up Kiran, Digital Desk: जब कोई भारतीय विदेश घूमने जाता वह अपने देश का एक प्रतिनिधि होता है. लेकिन क्या हो जब किसी देश में आपके भारतीय पासपोर्ट की वजह से आपके साथ अपमानजनक और अमानवीय बर्ताव किया जाए? ऐसा ही एक शर्मनाक मामला जॉर्जिया-आर्मेनिया बॉर्डर पर सामने आया है, जिसे एक भारतीय पर्यटक ने सोशल मीडिया पर बयां किया है.
वायरल पोस्ट में झलका दर्द
नमन बोकारिया नाम के एक भारतीय पर्यटक ने 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट लिखकर अपना भयानक अनुभव साझा किया है. उन्होंने बताया कि जब वे जॉर्जिया-आर्मेनिया बॉर्डर पर इमिग्रेशन के लिए पहुंचे, तो वहां मौजूद जॉर्जियाई अधिकारियों ने भारतीय पासपोर्ट धारकों को बाकी देशों के लोगों से अलग कर दिया.
नमन ने लिखा, "बिना कोई कारण बताए, हमें दो घंटे से भी ज्यादा समय तक रोके रखा गया. सबसे शर्मनाक यह था कि हमें जानवरों की तरह फुटपाथ पर बैठने के लिए मजबूर किया गया."
उन्होंने आगे बताया कि इस दौरान उन्हें शौचालय जैसी बुनियादी सुविधा का इस्तेमाल करने की भी इजाजत नहीं दी गई. वहीं, दूसरी ओर, बाकी देशों के नागरिक बिना किसी परेशानी के आसानी से बॉर्डर पार कर रहे थे. यह देखकर ऐसा लग रहा था, मानो सिर्फ भारतीय होना ही कोई गुनाह हो.
सरकार से मदद की गुहार
नमन का यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है. लोग इस घटना पर भारी गुस्सा जाहिर कर रहे हैं और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को टैग करके इस मामले में हस्तक्षेप करने और सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में किसी और भारतीय नागरिक को इस तरह के अपमान का सामना न करना पड़े.
यह कोई पहली बार नहीं है जब जॉर्जिया में भारतीय पर्यटकों के साथ ऐसे दुर्व्यवहार की खबरें आई हैं. यह घटना इस गंभीर सवाल को फिर से खड़ा करती है कि आखिर कुछ देशों में भारतीय पर्यटकों के साथ ऐसा भेदभावपूर्ण रवैया क्यों अपनाया जाता है और इसे रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जा रहे हैं.


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