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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में दहशतगर्दों के कायराना हमले में 26 पर्यटकों की मौत के बाद पूरे देश में गुस्सा व्यक्त किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने इन दहशतगर्दों को समर्थन देने वाले पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए कूटनीतिक स्तर पर भी कुछ फैसले लिए हैं। उसने भारत में रह रहे अपने नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया है। तदनुसार, सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों को सतर्क रहने का आदेश दिया गया है।

सरकार के आव्रजन विभाग ने भारत में रहने वाले सभी पाकिस्तानी नागरिकों से जानकारी मांगी है। 48 घंटे की अवधि के बाद भारत में बचे पाकिस्तानी नागरिकों को अरेस्ट करने और निर्वासित करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। पाकिस्तानी नागरिकों को वापस लाने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक चल रही है। इसमें कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिये जायेंगे। केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां ​​अगले 48 घंटों तक भारत में पाकिस्तानी नागरिकों पर नजर रखेंगी।

इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आव्रजन एवं विदेशी पंजीकरण कार्यालयों से पूछा गया है कि वर्तमान में कितने पाकिस्तानी नागरिक भारत में हैं और वे कहां हैं। नियमों के अनुसार, पाकिस्तानी नागरिकों को अटारी सीमा, रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों पर आव्रजन अफसरों के पास अपनी जानकारी दर्ज करानी होगी। उन्हें अपना आवासीय पता भी बताना होगा। सभी आव्रजन कार्यालय आज शाम तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देंगे। इससे यह जानकारी मिलेगी कि कितने नागरिक भारत में हैं और कितने वापस आ गए हैं।

48 घंटे की समय सीमा बीत जाने के बाद भी भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को हिरासत में लेने के लिए उनके निवास क्षेत्र की स्थानीय पुलिस को आदेश जारी किए जाएंगे। पुलिस इन नागरिकों को हिरासत में लेगी और उन्हें बस के माध्यम से अटारी सीमा के रास्ते पाकिस्तान भेजेगी। विशेष परिस्थितियों में इन नागरिकों को गिरफ्तार करने का प्रावधान है। हालाँकि, सामान्य परिस्थितियों में इस अधिकार का प्रयोग नहीं किया जाएगा।

अफसर ने बताया कि केंद्र सरकार के पास वैध दस्तावेजों के साथ भारत आए पाकिस्तानी नागरिकों की पूरी जानकारी है। सरकारी आदेश के अनुसार इन नागरिकों को किसी भी हालत में भारत छोड़ना होगा। भारत ने यह कदम पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद उठाया है।