
Up Kiran, Digital Desk: जर्मनी की फुटबॉल टीम, जो हमेशा से अपने दमदार स्ट्राइkers के लिए जानी जाती रही है, इस वक्त एक अजीब सी मुश्किल से जूझ रही है। टीम के पास एक अच्छे और भरोसेमंद स्ट्राइकर की भारी कमी हो गई है, और यह चिंता नॉर्थ आयरलैंड के खिलाफ होने वाले उनके ज़रूरी मुकाबले से ठीक पहले और भी बढ़ गई है।
टीम के कोच जोआकिम लो इस बात को लेकर काफी परेशान हैं कि जब फॉरवर्ड लाइन में मौके बनाने की बात आती है, तो उनकी टीम में कोई ऐसा खिलाड़ी नहीं है जो गेंद को गोल में डाल सके। सर्ज ग्नाब्री और टिमो वर्नर जैसे खिलाड़ी अपनी तेज़ी और ड्रिब्लिंग के लिए तो जाने जाते हैं, लेकिन वे उस तरह के क्लासिक "नंबर 9" स्ट्राइकर नहीं हैं जो बॉक्स के अंदर खतरनाक साबित हों, जैसे पहले मिरोस्लाव क्लोज हुआ करते थे।
यह समस्या तब और खुलकर सामने आ गई जब नेशंस लीग के हालिया मैचों में टीम को गोल करने के लिए संघर्ष करना पड़ा। जर्मनी की टीम मौके तो खूब बना रही थी, लेकिन उन्हें गोल में बदलने वाला कोई खिलाड़ी नहीं था। टीम को एक ऐसे खिलाड़ी की सख्त ज़रूरत है जो न सिर्फ गेंद को संभाले, बल्कि सही समय पर सही जगह मौजूद रहकर उसे गोल पोस्ट के अंदर भी पहुंचा सके।
कई सालों तक, जर्मनी के पास मारियो गोमेज़ और मिरोस्लाव क्लोज जैसे शानदार स्ट्राइकर थे, जिन्होंने टीम को कई बड़ी जीतें दिलाईं। लेकिन उनके जाने के बाद से जो खालीपन आया है, उसे टीम अब तक भर नहीं पाई है।
अब जब टीम नॉर्थ आयरलैंड का सामना करने जा रही है, तो कोच जोआकिम लो को उम्मीद है कि उनके खिलाड़ी इस कमी को मिलकर पूरा करेंगे और किसी भी तरह से गोल करने के तरीके खोज निकालेंगे। लेकिन यह बात तो साफ़ है कि अगर जर्मनी को फुटबॉल की दुनिया में अपना दबदबा बनाए रखना है, तो उन्हें जल्द से जल्द एक नया और भरोसेमंद स्ट्राइकर ढूंढना ही होगा।