img

Up Kiran, Digital Desk: जल उपवास (Water Fasting) आजकल फिटनेस और डिटॉक्स के प्रति जागरूक लोगों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें आप कुछ समय के लिए सिर्फ पानी का सेवन करते हैं, कोई ठोस भोजन या अन्य पेय पदार्थ नहीं लेते। तीन दिन का जल उपवास एक गहरा अनुभव हो सकता है, जो आपके शरीर और दिमाग को कई तरह से प्रभावित करता है। लेकिन यह सबके लिए नहीं है, और इसे हमेशा सावधानी से और, यदि संभव हो तो, चिकित्सा पर्यवेक्षण में ही करना चाहिए।

दिन : ग्लूकोज का खाली होना (Glycogen Depletion)
पहला दिन अक्सर सबसे चुनौतीपूर्ण होता है। आपका शरीर सामान्य रूप से ऊर्जा के लिए ग्लूकोज पर निर्भर करता है, जिसे वह ग्लाइकोजन (Glycogen) के रूप में यकृत (liver) और मांसपेशियों में संग्रहीत करता है। पहले 12-24 घंटों में, शरीर इन ग्लाइकोजन भंडारों को तेजी से खाली कर देता है। जैसे ही ये भंडार खत्म होते हैं, आपको भूख की तीव्र इच्छा, थोड़ी कमजोरी और शायद सिरदर्द भी महसूस हो सकता है।

दिन : कीटोसिस और ऑटोफैगी की शुरुआत (Ketosis and Autophagy Initiation)
जैसे ही ग्लाइकोजन भंडार खत्म होते हैं, शरीर ऊर्जा के लिए वसा जलाने लगता है। यह प्रक्रिया कीटोसिस (Ketosis) कहलाती है, जिसमें शरीर वसा को कीटोन्स (Ketones) में बदल देता है, जिनका उपयोग ऊर्जा के स्रोत के रूप में किया जाता है। इस चरण में, कई लोगों को भूख कम महसूस होती है और कुछ को ऊर्जा में सुधार भी महसूस हो सकता है। दूसरे दिन ऑटोफैगी (Autophagy) की प्रक्रिया भी तेज हो जाती है। ऑटोफैगी एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें कोशिकाएं अपनी पुरानी, क्षतिग्रस्त या अवांछित कोशिकाओं को "खा जाती" हैं और उन्हें रीसायकल करती हैं। यह एक तरह से शरीर की अपनी "सफाई" प्रक्रिया है।

दिन :गहरा कीटोसिस और बढ़ा हुआ ऑटोफैगी (Deeper Ketosis and Enhanced Autophagy)
तीसरे दिन तक, आपका शरीर पूरी तरह से कीटोसिस की स्थिति में आ जाता है और वसा को ऊर्जा के लिए कुशलता से जलाना शुरू कर देता है। ऑटोफैगी अपनी चरम सीमा पर होती है, जिससे सेलुलर मरम्मत और नवीनीकरण को बढ़ावा मिलता है। कुछ लोग इस दिन मानसिक स्पष्टता और ऊर्जा में उल्लेखनीय वृद्धि महसूस करने का दावा करते हैं। हालांकि, इलेक्ट्रोलाइट्स (जैसे सोडियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम) का संतुलन बिगड़ने का जोखिम भी बढ़ जाता है, जिससे कमजोरी या चक्कर आ सकते हैं।

जोखिम और सावधानियां:

किसे जल उपवास से बचना चाहिए:
गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाएं, मधुमेह रोगी (जब तक कि चिकित्सकीय देखरेख में न हों), कम वजन वाले व्यक्ति, खाने के विकार वाले लोग, या कोई भी व्यक्ति जिसे कोई पुरानी चिकित्सीय स्थिति हो, उन्हें जल उपवास नहीं करना चाहिए।

उपवास तोड़ना (Refeeding) बहुत महत्वपूर्ण है:
जल उपवास के बाद अचानक भारी भोजन करने से रीफीडिंग सिंड्रोम (Refeeding Syndrome) हो सकता है, जो खतरनाक है। उपवास तोड़ने के बाद हल्के, आसानी से पचने वाले भोजन जैसे सूप, फल या सब्जियों से शुरुआत करें और धीरे-धीरे सामान्य आहार पर लौटें।

--Advertisement--