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चीन और ताइवान के बीच तनाव कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। पिछले कुछ दिनों में चीन की तरफ से ताइवान को उकसाने की हर संभव कोशिश की गई है, बावजूद इसके ताइवान पीछे नहीं हट रहा है। वह चीन की हर हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।

ताइवान के आस-पास से चीनी लड़ाकू विमानों और जहाजों का गुज़रना कोई नई बात नहीं है। पिछले कुछ समय से चीन रोज़ाना ऐसी हरकतें करता आ रहा है। जब चीनी लड़ाकू विमान ताइवान की हवाई सीमा में घुसते हैं, तो ताइवान की वायुसेना अपने F-16V से उन्हें खदेड़ देती है। अमेरिका भी इसे एक आम घटना मानता है, हालाँकि चीन की इस हरकत के पीछे उसकी एक खास रणनीति छिपी है।

ऐसा करते हुए चीनी लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर पहले की तुलना में ताइवान की सीमा के और करीब आ रहे हैं। 23-24 जून को एक चीनी हेलीकॉप्टर ताइवान के कीलुंग शहर से सिर्फ़ 45 समुद्री मील की दूरी पर था। यानी वह सिर्फ़ 15 मिनट में ताइवान की राजधानी ताइपे पर हमला करने में सक्षम था। चीनी जेट विमानों की घुसपैठ को लेकर ताइवान के रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी से यह बात सामने आई है।

चीनी लड़ाकू विमानों की घुसपैठ का पैटर्न क्या है?

पिछले 24 घंटे में चीन के 23 में से 19 फाइटर जेट ताइवान की हवाई सीमा में घुस आये। 15 जेट रविवार को आये थे, लेकिन उससे पहले शनिवार को अचानक 41 चीनी फाइटर जेट के ताइवान की हवाई सीमा में घुसने से हड़कंप मच गया था। इनमें से 32 ताइवान की हवाई सीमा में घुस आये थे। जब ताइवानी वायुसेना के पायलटों ने चीनी जेट विमानों का पीछा किया तो वे सभी भाग गये। शुक्रवार को भी चीन के 36 फाइटर जेट ताइवान के चक्कर लगा रहे थे। कुल मिलाकर पिछले एक हफ्ते में 166 चीनी फाइटर जेट ताइवान को धमकाने और दबाव बनाने के लिए आसमान में चक्कर लगा चुके हैं।

ताइवान के नए राष्ट्रपति से चीन नाराज़

20 मई को लाई चिंग-ते ने ताइवान के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति लाई ताइवान की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए मुखर रहे हैं। दबाव बनाने के लिए चीन ने 23 मई से ज्वाइंट स्वॉर्ड-2024 ए नामक सैन्य अभ्यास किया जिसमें ताइवान पर कब्जे का पूर्वाभ्यास किया गया।

सैन्य अभ्यास के बाद चीन का रवैया दिन-प्रतिदिन आक्रामक होता जा रहा है और हर दिन चीन ताइवान की सीमा के करीब पहुंच रहा है। ताइवान के लड़ाकू पायलट सप्ताह में करीब 200 घंटे उड़ान भर रहे हैं ताकि वे अपने देश के हवाई क्षेत्र में चीनी घुसपैठ को रोक सकें।
 

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