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Up Kiran, Digital Desk: विजयादशमी के पावन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' का ज़िक्र किया, एक ऐसा मिशन जिसके बारे में शायद बहुत कम लोग जानते हैं. उन्होंने इस मिशन को अन्याय पर न्याय की जीत का प्रतीक बताया और कहा कि यह ऑपरेशन दिखाता है कि भारत हमेशा धर्म और सच्चाई के रास्ते पर चला है.

क्या था ‘ऑपरेशन सिंदूर: पीएम मोदी ने बताया कि यह ऑपरेशन लगभग 40 साल पहले किया गया था जब युगांडा के तानाशाह ईदी अमीन ने हज़ारों भारतीय परिवारों को देश छोड़ने का आदेश दिया था. उस मुश्किल समय में कई भारतीय परिवारों की महिलाओं को अपने पतियों के बिना ही भारत लौटना पड़ा था. पीएम मोदी ने कहा, "यह सिर्फ एक राजनीतिक संकट नहीं था, यह हमारे परिवारों, हमारी संस्कृति और हमारी महिलाओं के सम्मान पर हमला था."

उन्होंने आगे कहा, "उस समय की सरकार ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया ताकि उन महिलाओं को उनके पतियों से मिलाया जा सके. यह मिशन सिर्फ लोगों को वापस लाने का नहीं था, बल्कि यह भारत के उस वादे का प्रतीक था कि हम हर हाल में अपने लोगों की रक्षा करेंगे और अन्याय का बदला लेंगे."

“रावण को हराना आज भी ज़रूरी: दशहरे के पर्व से प्रेरणा लेते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जैसे भगवान राम ने रावण का अंत करके बुराई पर अच्छाई की जीत हासिल की थी, वैसे ही आज के समय में भी हमें आतंकवाद, भ्रष्टाचार और गरीबी जैसे रावणों को हराना है. उन्होंने कहा, "त्योहार हमें सिखाते हैं कि हम एकजुट होकर बड़ी से बड़ी बुराई को भी खत्म कर सकते हैं. 'ऑ"परेशन सिंदूर' इसी भावना का एक उदाहरण है."

पीएम मोदी के इस भाषण ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है और लोगों को भारत के उस साहसिक कदम की याद दिलाई है, जब देश ने हज़ारों किलोमीटर दूर भी अपने नागरिकों के सम्मान की रक्षा की थी.