
Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अभी चुनाव जीता भी नहीं है, लेकिन उनके फैसलों को लेकर विवाद अभी से शुरू हो गए हैं। ताजा मामला भारत में अगले अमेरिकी राजदूत की संभावित नियुक्ति से जुड़ा है, जिस पर ट्रंप के ही पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
खबरों के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप अगर दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं तो वे भारत में अगले अमेरिकी राजदूत के तौर पर सर्जियो गोर (Sergio Gor) को नियुक्त कर सकते हैं। सर्जियो को डोनाल्ड ट्रंप जूनियर का बेहद वफादार और करीबी सहयोगी माना जाता है। लेकिन जॉन बोल्टन के अनुसार, सर्जियो इस महत्वपूर्ण पद के लिए "पूरी तरह से अयोग्य" (completely unqualified) हैं।
कौन हैं सर्जियो गोर और क्यों है विवाद?
सर्जियो गोर का बैकग्राउंड एक राजनीतिक सहयोगी का रहा है, न कि एक अनुभवी राजनयिक का। उन्होंने पहले सीनेटर रैंड पॉल के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में काम किया है। जॉन बोल्टन का कहना है कि भारत जैसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देश में राजदूत पद के लिए सिर्फ राजनीतिक वफादारी काफी नहीं है। इसके लिए कूटनीति की गहरी समझ और अनुभव होना बेहद जरूरी है, जो सर्जियो के पास नहीं है।
ट्रंप की कार्यशैली पर खड़े किए सवाल
बोल्टन ने इस एक नाम के बहाने डोनाल्ड ट्रंप की पूरी कार्यशैली पर निशाना साधा है। उन्होंने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह मामला दिखाता है कि अगर ट्रंप दोबारा सत्ता में आए, तो वे सभी महत्वपूर्ण पदों पर ऐसे लोगों को बिठा देंगे जो काबिलियत नहीं, बल्कि सिर्फ उनकी निजी वफादारी के आधार पर चुने जाएंगे।
उन्होंने कहा, "यह बहुत ही चिंताजनक है। यह दिखाता है कि ट्रंप का दूसरा कार्यकाल कैसा होगा - जहां योग्यता की कोई जगह नहीं होगी, सिर्फ ट्रंप के प्रति वफादारी ही सबसे बड़ा पैमाना होगी।"
भारत और अमेरिका के रिश्ते इस समय एक बहुत ही महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में, भारत में अमेरिकी राजदूत का पद बेहद अहम हो जाता है। बोल्टन की इस कड़ी आलोचना ने अमेरिकी राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी कि क्या निजी संबंधों को राष्ट्रीय हितों पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए।