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Up Kiran, Digital Desk: बिहार में चुनावी बिगुल बजते ही जनता की नजर सिर्फ नेताओं की रैलियों पर नहीं, बल्कि गठबंधनों की अंदरूनी राजनीति पर भी टिकी है। खासकर महागठबंधन के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर मचा घमासान अब खुलकर सामने आ रहा है। जनता को उम्मीद है कि कोई मजबूत विकल्प सामने आएगा, लेकिन अंदरखाने की खींचतान इस राह को मुश्किल बना रही है।
महागठबंधन की बैठक में घंटों मंथन, पर समाधान अधूरा
तेजस्वी यादव के पटना स्थित आवास पर हाल ही में हुई लंबी बैठक में महागठबंधन के सभी बड़े नेता शामिल हुए। करीब पांच घंटे चली इस चर्चा में सीट बंटवारे पर सहमति बनने की खबर तो आई, लेकिन कुछ दलों की मांगें इतनी बड़ी हैं कि तस्वीर अभी साफ नहीं है।
नए सहयोगियों की एंट्री से बिगड़ा समीकरण
इस बार महागठबंधन में पुराने दलों के साथ-साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) जैसे नए चेहरे भी जुड़ते दिख रहे हैं। मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) तो पहले से ही गठबंधन का हिस्सा है। अब कुल मिलाकर आठ पार्टियों के साथ तालमेल बैठाना आसान नहीं रह गया है। जाहिर है, राजद को अपने हिस्से की सीटें सहयोगियों के बीच बांटनी होंगी।
लेफ्ट पार्टियों की बड़ी मांग, तेजस्वी के लिए सिरदर्द
सबसे अधिक दबाव बना रही है भाकपा माले (CPI-ML)। 2020 के चुनाव में 19 सीटों पर लड़कर 12 पर जीत दर्ज करने वाली माले ने इस बार सीधे 40 सीटों की मांग रख दी है। उनके प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें 20 से 25 सीटें मिल सकती हैं, लेकिन ये भी बाकी दलों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।
CPI और CPM की भी लिस्ट तैयार, तेजस्वी से सीधी बात
CPI ने 24 और CPM ने 20 सीटों पर दावा जताया है। हाल ही में CPI के महासचिव डी राजा ने तेजस्वी यादव से मुलाकात कर अपनी मांगों की सूची सौंपी और आशा जताई कि उन्हें “इज्ज़तदार” सीटें मिलेंगी।
कांग्रेस की चाल धीमी, लेकिन टारगेट जिताऊ सीटें
पिछली बार 70 सीटों पर चुनाव लड़ चुकी कांग्रेस ने इस बार खुद को थोड़ा पीछे खींचा है। हालांकि 60 से 66 सीटों की मांग के साथ वो मैदान में है। कांग्रेस अब फोकस कर रही है उन सीटों पर जो वो पिछली बार जीत चुकी थी — यानी कुल 19 सीटों पर। जीत की संभावना वाली सीटें ही उनका असली निशाना हैं।
VIP की बड़ी मांग और डिप्टी CM की शर्त!
मुकेश सहनी ने भी 60 सीटों की मांग की है और साथ ही डिप्टी सीएम का पद भी अपने लिए सुरक्षित करने की बात रखी है। सूत्रों की मानें तो उन्हें 20 सीटों तक ही मिल सकती हैं। लेकिन VIP की ये राजनीतिक शर्तें महागठबंधन की एकता पर असर डाल सकती हैं।