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Up Kiran, Digital Desk: बिहार की राजनीति में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही बिसात बिछने लगी है। इसी कड़ी में, बुधवार देर रात पटना में एक ऐसी मुलाकात हुई, जिसने राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच राज्य के गेस्ट हाउस में बंद दरवाजे के पीछे लगभग एक घंटे तक एक अहम बैठक हुई।

क्या थी इस 'सीक्रेट' मीटिंग की वजह?

यह मुलाकात उस समय हुई जब अमित शाह पटना में अति पिछड़ा वर्ग (EBC) के एक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। कार्यक्रम खत्म होने के बाद, देर रात दोनों नेताओं की यह 'क्लोज्ड-डोर' मीटिंग हुई। सूत्रों की मानें तो इस बैठक का मुख्य एजेंडा बिहार विधानसभा चुनाव 2025 था।

माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच कई अहम मुद्दों पर गहन चर्चा हुई, जिनमें शामिल हैं:

सीट-बंटवारे का फॉर्मूला: बीजेपी और जेडीयू (JDU), जो एनडीए गठबंधन के दो सबसे बड़े दल हैं, के बीच सीटों का बंटवारा कैसे होगा, इस पर शुरुआती बातचीत हुई।

चुनाव की रणनीति: विपक्ष को घेरने और एनडीए की जीत सुनिश्चित करने के लिए क्या रणनीति अपनाई जाएगी, इस पर भी मंथन हुआ।

गठबंधन में तालमेल: गठबंधन के अन्य सहयोगियों, जैसे चिराग पासवान और जीतन राम मांझी की पार्टियों, के साथ तालमेल कैसे बिठाया जाए, इस पर भी चर्चा हुई।

क्या हैं इस मुलाकात के मायने?

अमित शाह का पटना आना और फिर देर रात तक नीतीश कुमार के साथ अकेले में बैठक करना, यह दिखाता है कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व बिहार चुनाव को लेकर कितना गंभीर है और वह नीतीश कुमार को कितना महत्व देता है। यह बैठक लोकसभा चुनाव में एनडीए के शानदार प्रदर्शन के बाद विधानसभा चुनाव के लिए अपनी जमीन और मजबूत करने की एक बड़ी कवायद के तौर पर देखी जा रही है।