
Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर एक ऐसा दांव चला है, जिसने भारत और चीन की चिंता बढ़ा दी है. उन्होंने यूरोपीय अधिकारियों के सामने एक चौंकाने वाला प्रस्ताव रखा है - अगर यूरोपीय संघ (EU) साथ दे, तो वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन के साथ बातचीत की मेज पर लाने के लिए भारत और चीन पर भारी-भरकम नए टैरिफ लगाने को तैयार हैं.
क्या है ट्रंप का प्लान: एक निजी बैठक के दौरान ट्रंप ने साफ कहा कि अगर EU देश भारत और चीन पर टैरिफ लगाते हैं, तो अमेरिका भी ठीक वैसा ही करेगा. उनका यह प्रस्ताव एक तरह की चुनौती है, जिसका मकसद रूस पर आर्थिक दबाव बनाने के लिए दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का इस्तेमाल करना है.
यह बैठक वॉशिंगटन में अमेरिका और यूरोपीय संघ के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच हो रही थी, जिसमें ट्रंप फोन के जरिए शामिल हुए.
लेकिन राह नहीं है आसान: ट्रंप का यह प्लान सुनने में जितना बड़ा है, उसे अमल में लाना उतना ही मुश्किल. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि यूरोपीय संघ में रूस के खिलाफ किसी भी कड़े प्रतिबंध के लिए सभी सदस्य देशों की सर्वसम्मति जरूरी होती है. अतीत में, हंगरी जैसे कई देशों ने रूस के ऊर्जा क्षेत्र पर सख्त प्रतिबंधों का विरोध किया है. इसलिए, इस बात की संभावना कम है कि सभी यूरोपीय देश भारत और चीन जैसे बड़े व्यापारिक साझेदारों पर टैरिफ लगाने के लिए आसानी से राजी हो जाएं.
ट्रंप ने क्यों चली यह चाल: 'फाइनेंशियल टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप का यह नया कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि उन्होंने पुतिन को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात करने के लिए जो डेडलाइन दी थी, वह गुजर चुकी है. पिछले महीने अलास्का में ट्रंप और पुतिन की मुलाकात भी हुई थी, लेकिन इसके बावजूद रूसी राष्ट्रपति शांति वार्ता के लिए कोई गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं.
अमेरिका और यूरोपीय संघ के अधिकारी रूस पर और पाबंदियां लगाने पर भी बात कर रहे हैं, जिसमें उसके 'शैडो फ्लीट' (गुप्त तेल टैंकरों), बैंकों, और बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध शामिल हैं.
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