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रूस में यह मामला सामने आया है, यह जंजीरों वाला जूता खोल देने वाला भी है। तीन दिग्गज-क्रिस्टीना, एंजेलिना और मारिया खाचटुरियन-ने अपने पिता मिखाइल की ऑर्केस्ट्रा से हत्या कर दी थी। उन्हें गिरफ़्तार किया गया, सज़ा सुनाई गई और अदालत ने फिर ऐसे खुलासे किए, जिन्होंने बोसोक को चौंका कर रख दिया।

इस खबर की एक पंक्ति में बताया गया है कि बेटी ने एक जघन्य अपराध किया है, लेकिन जब पीछे की तरफ हटती हैं तो कहानी एकदम बदल जाती है। प्रश्न है—क्या यह हत्या थी या आत्मरक्षा?

एक पिता जो रक्षक नहीं, भिखारी बन गया
मिखाइल खाचटुरियन का कोई आम पिता नहीं था। उस पर अपनी ही बेटी के साथ यौन हिंसा, शौचालय और मानसिक यातना देने के आरोप लगे। अदालत में पेश किए गए पुरातात्विक साक्ष्यों और विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार, मिखाइल ने किशोरावस्था तक बेटी को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रशिक्षित किया। वह न सिर्फ शैतानी करती थी, बल्कि उसके साथ अश्लील हरकतें भी करती थी और इंटरनेट पर अश्लील वीडियो अपलोड करती थी।

एक पिता जो अपनी बेटी की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाता है, वह जब खुद ही हिंसा का प्रतीक बन जाता है तो बेटी के पास से ही क्या बचता है?

आखिर क्यों उठाया बेटी ने उठाया ये खतरनाक कदम?
साज़िश की प्रथा, डॉ और लगातार यौन हिंसा के बाद एक रात की बेटी ने जो उन्हें उस समय अलग कर दिया - उनके पिता की हत्या। उन्होंने न कोई बहाना बनाया, न ही दागने की कोशिश की। ख़ुद व्यापारी पुलिस को बताया गया कि उसने मिखाइल को मार डाला है।

उनके इस कदम ने पूरे रूस को दो दिशाओं में बाँट दिया - एक तरफ उन्हें किशोरी कहा जाता था, तो दूसरी तरफ उन्हें मूर्ति के लिए लड़कियाँ दी जाती थीं।

कोर्ट में जब खुली सच्चाई की झलक
जब मामला अदालत पहुंचा तो वहां पेश किए गए साक्ष्यों ने पूरा परिदृश्य बदल दिया। सर्बस्की साइकोलॉजिकल और मेडिकल एक्जामिनेशन की रिपोर्ट से पता चला कि मिखाइल अपनी बेटियों को शारीरिक, मानसिक और यौन संबंध देता था। उन्होंने कई बार बेटियों को खतरनाक दी कि अगर उन्होंने कुछ कहा तो उन्हें जान से मार देंगे।

यह भी सामने आया कि उन्होंने अपनी एक बेटी से कहा था, ''तुम मेरी पत्नी बनोगी और मेरे बच्चे को जन्म दोगी.'' मताधिकार भी रूह कांप जाता है।

बेटी को मिली उम्मीद की किरण
हालाँकि, तीन पक्षों को हत्या के आरोप में दोषी ठहराया गया था, लेकिन जैसे-जैसे सच्चाई सामने आई, वकीलों ने आत्मरक्षा के तहत मामला शुरू किया। अब रूसी अदालत से उम्मीद की जा रही है कि वह त्रि को दफन कर सकती है, जिससे वे अपनी जिंदगी एक नई शुरुआत के साथ जी सकें।

ये एक ऐतिहासिक फैसला हो सकता है, जो दुनिया भर में घरेलू हिंसा और यौन शोषण के मामलों में एक नज़ीर बनेगा।