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उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा का आलम कुछ ऐसा है कि बच्चे, जवान और बुजुर्ग, हर कोई इस तीर्थ यात्रा के लिए बेताब है। चाहे नन्हा सा बच्चा हो या 90 साल से ज्यादा उम्र का बुजुर्ग, हर कोई यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन के लिए तैयार है। हाल ही के आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं कि इस साल चारधाम यात्रा के लिए 19 लाख से ज्यादा लोग ऑनलाइन पंजीकरण करा चुके हैं। हैरानी की बात ये है कि इसमें 1.11 लाख बच्चे और 2.58 लाख बुजुर्ग शामिल हैं। तो आखिर क्या है इस यात्रा का जादू? आइए, इस उत्साह की कहानी को करीब से जानते हैं!
जब नन्हे पांव भी चल पड़े देवभूमि की ओर
चारधाम यात्रा हमेशा से आस्था का प्रतीक रही है, मगर अब इसका स्वरूप बदल रहा है। पहले जहां यह यात्रा मुख्य रूप से बुजुर्गों और धार्मिक लोगों तक सीमित थी, वहीं अब इसमें बच्चे और युवा भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर पिछले एक महीने में हुए ऑनलाइन पंजीकरण के आंकड़े इस बदलाव की कहानी बयां करते हैं।
0 से 15 साल के आयु वर्ग में 1,11,298 बच्चे ने पंजीकरण कराया है, जिसमें 0 से 5 साल के 14,256 नन्हे यात्री भी शामिल हैं। वहीं, 60 साल से ऊपर के 2.58 लाख लोग इस यात्रा के लिए तैयार हैं। खास बात यह है कि 90 साल से ज्यादा उम्र के 62 यात्री भी इस पवित्र यात्रा का हिस्सा बनने को बेताब हैं। युवाओं में भी उत्साह कम नहीं है, क्योंकि 20 से 70 साल के आयु वर्ग ने सबसे ज्यादा पंजीकरण कराए हैं।
चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण का आंकड़ा 19 लाख को पार कर चुका है, और यह संख्या हर दिन बढ़ रही है। यात्रा के नोडल अधिकारी योगेंद्र गंगवार ने बताया कि पंजीकरण की प्रक्रिया सुचारु रूप से चल रही है।