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Up Kiran , Digital Desk: भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बावजूद जारी तनाव अब सिर्फ सीमाओं तक सीमित नहीं रहा। इसका असर खाड़ी देशों में काम कर रहे भारतीय नागरिकों पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है। उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के एक युवक को दुबई में पाकिस्तानी युवकों द्वारा किए गए उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा। मामला तूल पकड़ा तो स्थानीय पुलिस के प्रयासों से युवक की सुरक्षित घर वापसी संभव हो सकी।

दुबई में नौकरी का झांसा जुल्म की हकीकत

प्राप्त जानकारी के अनुसार विशाल नाम के इस युवक को समीर नामक एक एजेंट ने दुबई में नौकरी दिलाने का वादा किया था। मगर वहां पहुंचने के बाद उसकी हकीकत कुछ और निकली। दुबई में उसे जिन लोगों के साथ रूम शेयर करना पड़ा वे सभी पाकिस्तानी नागरिक थे।

वर्तमान भारत-पाकिस्तान के बीच जारी राजनीतिक तनाव विशेष रूप से सिंधु जल संधि और सीमा पर बढ़ते तनाव को लेकर रूममेट्स ने विशाल को मानसिक और भावनात्मक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। उन्हें बार-बार ताने दिए जाते कि भारत पाकिस्तान को पानी नहीं दे रहा है और अब युद्ध की स्थिति बन रही है।

शारीरिक-मानसिक पीड़ा और फिर अपील

इन तानों और दुर्व्यवहार से युवक की मानसिक स्थिति बिगड़ गई और वह बीमार हो गया। उसने अपने परिजनों से मदद की गुहार लगाई जिसके बाद परिवार ने स्थानीय प्रशासन से संपर्क साधा।

उधम सिंह नगर के एसएसपी मणिकांत मिश्रा के निर्देशन में एक विशेष अभियान चलाया गया। रोजगार दिलाने वाले एजेंट की तलाश की गई और उससे मिली जानकारी के आधार पर विशाल की लोकेशन का पता लगाया गया।

सफल रेस्क्यू मिशन पुलिस की सराहना

उत्तराखंड पुलिस ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर युवक की तस्वीर साझा करते हुए जानकारी दी कि "एसएसपी मणिकांत मिश्रा की तत्परता से दुबई में फंसे युवक को सुरक्षित वापस लाया गया। परिजनों ने पुलिस प्रशासन का आभार जताया है। युवक को नौकरी के बहाने वहां भेजा गया था और वह लगातार घर लौटने की अपील कर रहा था।"

विशाल की घर वापसी के साथ इस मामले ने एक बार फिर यह रेखांकित किया है कि वैश्विक मंचों पर भारत-पाक तनाव की छाया आम नागरिकों की जिंदगी को भी प्रभावित कर रही है खासकर उन भारतीयों की जो दूसरे देशों में प्रवासी मज़दूर या कर्मचारी के तौर पर कार्यरत हैं।

 

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