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Up Kiran, Digital Desk: बिहार के गया जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जो हमारे समाज में शिक्षा और शिक्षक के प्रति सम्मान की घटती भावना को उजागर करती है। जब पूरा देश "शिक्षित भारत, विकसित भारत" का सपना देख रहा है, तब गया के एक स्कूल में एक शिक्षक पर हमले की घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया। यह हमला उस वक्त हुआ जब एक शिक्षक ने अपने छात्र को होमवर्क न करने पर डांटा था। इसके बाद, गुस्साए छात्र के परिजनों ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया, जिससे शिक्षक को गंभीर चोटें आईं। साथ ही, इस बीच-बचाव करने आए अन्य शिक्षक भी घायल हुए।

यह घटना शहवाजपुर स्थित एक सरकारी स्कूल की है, जहां शनिवार को हंगामा मच गया। टीचर राकेश रंजन श्रीवास्तव ने जब एक छात्र को होमवर्क न करने पर समझाया, तो छात्र के परिजनों ने गुस्से में आकर विद्यालय में घुसकर उन पर हमला कर दिया। इस हमले में राकेश रंजन गंभीर रूप से घायल हो गए, और जब अन्य शिक्षक उन्हें बचाने के लिए आगे आए, तो वे भी चोटिल हो गए। यह हमला सिर्फ एक शिक्षक पर नहीं, बल्कि पूरी शिक्षा प्रणाली, शिक्षक-शिक्षिका और अभिभावकों के रिश्तों पर गहरी चोट है।

यहां सवाल उठता है कि क्या यह घटना सिर्फ एक व्यक्तिगत संघर्ष का परिणाम है या हमारे समाज की मानसिकता में कुछ गंभीर बदलाव हो रहे हैं? शिक्षकों को भविष्य निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी जाती है, लेकिन उनका अपमान करना और उन पर हमला करना हमारे समाज की बिगड़ती प्राथमिकताओं का संकेत है। ऐसे हमले सिर्फ शिक्षा के महत्व को ही नहीं, बल्कि हमारे मूल्यों और सभ्यता की भी परीक्षा लेते हैं।

घटना के बाद स्कूल के प्रिंसिपल ने भी कड़ी निंदा की और कहा कि अगर शिक्षकों की सुरक्षा की गारंटी नहीं होगी, तो शिक्षा का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। उन्होंने इस प्रकार के हमलों को बर्दाश्त करने की बात कही और यह सवाल भी उठाया कि क्या ऐसे माहौल में हम अपने बच्चों को सही तरीके से शिक्षा दे सकते हैं?

घायल शिक्षकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, और घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि, अब तक पीड़ित शिक्षकों की तरफ से कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है, लेकिन थानाध्यक्ष ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।

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