
Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका के व्हाइट हाउस में जब भी कोई डिनर होता है, तो पूरी दुनिया की नज़रें उस पर टिक जाती हैं. ऐसा ही एक हाई-प्रोफाइल डिनर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आयोजित किया, जिसमें उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों के टॉप बॉस को बुलाया. यह कोई आम दावत नहीं थी, बल्कि यह दुनिया की सबसे ताकतवर हस्तियों में से कुछ का जमावड़ा था. लेकिन इस डिनर की सबसे खास और भारत के लिए गर्व की बात यह थी कि मेहमानों की लिस्ट में पांच भारतीय मूल के CEOs भी शामिल थे.
यह डिनर दिखाता है कि आज टेक्नोलॉजी की दुनिया में भारतीय दिमाग का लोहा किस कदर माना जाता है. जब अमेरिका के भविष्य की नीतियों पर चर्चा हो रही थी, तो उस टेबल पर भारत की प्रतिभा भी मौजूद थी.
कौन हैं वो 5 भारतीय CEO जो बने ट्रंप के खास मेहमान?
ये वो नाम हैं जो आज दुनिया की सबसे बड़ी और प्रभावशाली कंपनियों को चला रहे हैं:
सुंदर पिचाई: गूगल (Google) और उसकी पेरेंट कंपनी अल्फाबेट (Alphabet) के CEO.
सत्य नडेला: माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के चेयरमैन और CEO.
शांतनु नारायण: एडोबी (Adobe) के चेयरमैन और CEO.
अरविंद कृष्णा: आईबीएम (IBM) के चेयरमैन और CEO.
निकेश अरोड़ा: पालो ऑल्टो नेटवर्क्स (Palo Alto Networks) के CEO.
इन पांचों का एक साथ व्हाइट हाउस में होना, यह साबित करता हर जगह भारतीय नेतृत्व का डंका बज रहा
पर इस पार्टी में एलन मस्क को क्यों नहीं बुलाया गया?
इस डिनर की एक और बड़ी और चौंकाने वाली बात यह थी कि मेहमानों की लिस्ट से दुनिया के सबसे अमीर और चर्चित नामों में से एक, एलन मस्क (Elon Musk), गायब थे. टेस्ला (Tesla) और स्पेसएक्स (SpaceX) के मालिक मस्क को इस दावत में नहीं बुलाया गया, जिससे राजनीतिक और तकनीकी गलियारों में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
यह डिनर सिर्फ एक मुलाकात नहीं, बल्कि एक संदेश था. एक तरफ यह भारतीय प्रतिभा का सम्मान था, तो दूसरी तरफ यह इशारा भी था कि ट्रंप की नजर में कौन लोग अमेरिका के तकनीकी भविष्य के लिए मायने रखते हैं और कौन नहीं.