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Up Kiran, Digital Desk: इजरायल और ईरान के बीच जारी युद्ध ने कुछ ही घंटों में युद्ध का माहौल और भी खतरनाक कर दिया था। अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर बंकर बस्टर बम से हमला किया और इसके बाद जब ईरान ने कतर और इराक में स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइलों की बौछार की तो सबको लगने लगा था कि यह संघर्ष अब पूरे मध्य पूर्व और शायद उससे भी आगे फैल जाएगा। लोग तीसरे विश्व युद्ध की आहट तक महसूस करने लगे थे खासकर जब कतर ने भी अपनी सरजमीं पर मिसाइल हमले का जवाब देने का ऐलान किया था।

मगर इसी बीच एक चौंकाने वाली घटना घटी। जबकि दुनिया भर के विश्लेषक और नेता युद्ध के और बढ़ने की संभावना पर चिंता जता रहे थे अचानक से जंग रुक गई और एक शांति समझौता हुआ। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और ईरान के बीच युद्धविराम की घोषणा कर दी और सबके मन में एक सवाल उठा: जब युद्ध अपने चरम पर था तो अचानक यह कैसे थम गया? आखिर दोनों देश युद्धविराम पर कैसे राजी हो गए?

कैसे हुआ शांति समझौता?

सोमवार देर रात ईरान ने कतर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे अल-उदेद पर छह मिसाइलें दागी। हालांकि कतर ने दावा किया कि ये सभी मिसाइलें इंटरसेप्ट कर ली गईं और किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ मगर ईरान की मेहर न्यूज एजेंसी ने दावा किया कि कम से कम तीन मिसाइलें लक्ष्य तक पहुंची थीं। इसके तुरंत बाद कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने तेहरान से संपर्क किया और अमेरिका के युद्धविराम प्रस्ताव को मंजूरी दिलवाने में कामयाबी हासिल की। यह कॉल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुरोध पर किया गया था। ट्रंप ने कतर के अमीर को फोन करके बताया कि इजरायल युद्धविराम के लिए तैयार है बस अब ईरान को मनाना जरूरी है।

डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका और इजरायल की चुप्पी

व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ट्रंप ने खुद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बातचीत की और एक शर्त पर युद्धविराम को लागू करने पर सहमति बनाई: अगर ईरान ने हमला नहीं किया तो इजरायल भी हमले से बचेंगे। इस बीच ट्रंप की टीम के लोग जिसमें उपराष्ट्रपति जेडी वेंस विदेश मंत्री मार्को रुबियो और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ शामिल थे ईरानी अधिकारियों से सीधे संपर्क में थे।

क्या यह शांति स्थायी होगी?

डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा "जब सभी पक्ष अपने-अपने मिशन को पूरा कर लेंगे तब युद्धविराम शुरू होगा और 12 घंटे बाद दोनों पक्ष शांत रहेंगे। इसके बाद 24 घंटे के भीतर इसे युद्ध के समाप्त होने के रूप में माना जाएगा।" विशेषज्ञों के मुताबिक यह एक ‘ऑपरेशनल ब्रेक’ था यानी दोनों देशों को अपने अंतिम सैन्य कार्यों को पूरा करने का मौका दिया गया ताकि शांति स्थापित हो सके।

हालांकि ट्रंप ने शांति की घोषणा की मगर वास्तविकता में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। इजरायल ने तेहरान के कुछ इलाकों में नागरिकों को हटने की चेतावनी दी और दक्षिणी गोलान हाइट्स में ड्रोन या विमान हमले के खतरे को लेकर अलार्म बजाया गया। साथ ही इजरायल ने तेहरान की एविन जेल और अन्य सरकारी ठिकानों को निशाना बनाकर ईरान के शासन को कमजोर करने की कोशिश की है।

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