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Up Kiran, Digital Desk: वास्तु शास्त्र में दर्पणों का बहुत महत्व है। पुराने ज़माने में राजा-महाराजाओं के महल भी दर्पणों से सजाए जाते थे। और तो और झूमर भी कांच के बने होते हैं और आकर्षक भी होते हैं। इसलिए दर्पणों का सही इस्तेमाल ज़रूरी है।
हर दिशा की अपनी ऊर्जा और महत्व होता है। इसलिए, उनका उपयोग उनकी ऊर्जा के अनुसार ही करना चाहिए। वास्तु शास्त्र हर दिशा और उसके उपयोग के बारे में मार्गदर्शन करता है। वास्तु शास्त्र में घर में दर्पण लगाने की सही दिशा भी बताई गई है। घर में सही दिशा में दर्पण लगाने से सुख-समृद्धि बढ़ती है। वहीं, गलत दिशा में रखा दर्पण नकारात्मकता बढ़ाता है। इसलिए धन-समृद्धि पाने के लिए दर्पण लगाते समय वास्तु के नियमों का पालन करें।
घर में दर्पण लगाने की सही दिशा (वास्तु के लिए दर्पण की दिशा)
घर में दर्पण लगाने के लिए वास्तु के नियमों का पालन करना ज़रूरी है। पहला नियम है दर्पण की सही दिशा। वास्तु के अनुसार, घर की उत्तर या पूर्व दिशा में दर्पण लगाना हमेशा शुभ होता है। उत्तर-पूर्व दिशा में लगा दर्पण धन को आकर्षित करता है। ऐसे घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती।
दक्षिण दिशा में दर्पण
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा में दर्पण लगाना बहुत अशुभ होता है। दक्षिण दिशा को अग्नि तत्व का प्रतीक माना जाता है। दक्षिण दिशा में दर्पण लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा और अशांति बढ़ती है। घर के लोग कभी भी सुखी नहीं रह पाते। इसलिए, दक्षिण की दीवार पर कभी भी दर्पण न लगाएं।
ये गलतियाँ भी न करें
- घर में गंदा, फटा और टूटा हुआ दर्पण न रखें। यह घर के लोगों की तरक्की में बाधा डालता है। शुभ कार्यों में भी अशुभ फल देता है। ऐसा दर्पण आर्थिक हानि का कारण बनता है।
- पश्चिम दिशा में रखा दर्पण घर में अशांति भी लाता है।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोई घर में भी दर्पण रखना वर्जित है। इससे घर के लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
- शयनकक्ष में दर्पण लगाने से बचें। यदि वहाँ अलमारी है, तो रात में दर्पण को ढक दें।
- अष्टकोणीय दर्पण कभी न लगाएँ। केवल गोल, अंडाकार या चौकोर दर्पण ही लगाएँ। अन्यथा, घर के लोगों को मानसिक तनाव हो सकता है।
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