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नई दिल्ली।। देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को कैंसिल करने की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना निर्णय सुनाने के लिए तैयार है। 5 अगस्त 2019 को संसद ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को  हटा दिया। इसके साथ प्रदेश का विभाजन कर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग कर दिया गया। ये दोनों राज्य संघीकृत थे। मोदी सरकार के इस फैसले के विरूद्ध 23 याचिकाएं थीं। इन सभी याचिकाओं पर सुनवाई पूरी हो चुकी है और सर्वेच्च न्यायालय ने निर्णय सुरक्षित रख लिया है। निर्णय़ आज सुनाया जाएगा।

मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाना वैध है या अवैध, इस पर 4 साल, 4 महीने और 6 दिन बाद सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाने जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ के सामने सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जज संजय किशन कौल, न्यायाधीश। संजीव खन्ना, जज बीआर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल हैं।

5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने पूछे सवाल

  • क्या धारा 370 को संविधान में स्थायी प्रावधान बना दिया गया है?
  • क्या धारा 370 स्थायी प्रावधान बन जाने पर संसद के पास इसमें संशोधन करने की शक्ति है?
  • क्या संसद को राज्य सूची के किसी भी मामले पर कानून बनाने की शक्ति नहीं है?
  • केंद्र शासित प्रदेश कितने वक्त तक अस्तित्व में रह सकता है?
  • संविधान सभा की अनुपस्थिति में धारा 370 को हटाने की सिफारिश कौन कर सकता है?

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