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Up Kiran, Digital Desk: मधुमेह (डायबिटीज) एक ऐसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारी है, जो केवल दवाओं से नहीं, बल्कि संतुलित खानपान और सही खाद्य चयन से भी नियंत्रित की जा सकती है। भारत जैसे देश में, जहां रोटी अधिकांश घरों में भोजन का अभिन्न हिस्सा है, वहां यह जानना बेहद अहम है कि कौन-सा आटा मधुमेह रोगियों के लिए उपयुक्त है।

ब्लड शुगर को संतुलित रखने के लिए सही आटे का चुनाव जरूरी है, क्योंकि कई बार हम अनजाने में ऐसा आटा खा रहे होते हैं जो शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है। आइए जानते हैं उन विकल्पों के बारे में, जो न सिर्फ पोषण से भरपूर हैं, बल्कि मधुमेह रोगियों के लिए भी फायदेमंद हैं।

1. बादाम का आटा: स्वाद और सेहत दोनों में श्रेष्ठ

बारीक पिसे हुए बादाम से बना यह आटा ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) में बेहद कम आता है, यानी यह रक्त शर्करा को धीरे-धीरे बढ़ाता है। इसमें मौजूद प्रोटीन, हेल्दी फैट और फाइबर पाचन को धीमा करते हैं, जिससे ब्लड शुगर में अचानक वृद्धि नहीं होती। इसका अखरोट जैसा स्वाद इसे बेकिंग, पैनकेक या कम शक्कर वाले डेज़र्ट में एक आदर्श विकल्प बनाता है।

2. चने का आटा: भारतीय रसोई का सुपरफूड

भारत में बेसन एक आम और बहुप्रयुक्त सामग्री है। इसमें फाइबर और प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है, जो कार्बोहाइड्रेट्स के पाचन को धीमा करके रक्त शर्करा की स्थिरता बनाए रखते हैं। इसका GI मध्यम है, लेकिन यह पकोड़े, चीला, और फुल्का जैसे व्यंजनों के लिए बेहतरीन रहता है।

3. जई (ओट्स) का आटा: फाइबर का राजा

ओट्स को पीसकर बनाए गए इस आटे में मौजूद बीटा-ग्लूकन नामक घुलनशील फाइबर ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल दोनों को कम करने में मदद करता है। इसका GI भी मध्यम होता है और इसे गेहूं के आटे के साथ मिलाकर बेकिंग में प्रयोग किया जा सकता है। यह स्वाद में हल्का और सेहत में भारी होता है।

4. जौ का आटा: पुरानी फसल, नई पहचान

जौ, जिसे अक्सर पारंपरिक माना जाता है, मधुमेह रोगियों के लिए आधुनिक समाधान बन सकता है। यह घुलनशील फाइबर से भरपूर होता है जो न केवल ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा करता है बल्कि इंसुलिन की संवेदनशीलता में भी सुधार लाता है। इसका GI बेहद कम है, जो इसे रोज़ाना उपयोग के लिए एक सुरक्षित विकल्प बनाता है।

5. कुट्टू (बकव्हीट) का आटा: पोषण और ग्लूटेन-फ्री विकल्प

कुट्टू का आटा गेहूं से संबंधित नहीं है और यह ग्लूटेन-फ्री होता है, जो इसे न केवल डायबिटिक बल्कि सीलिएक रोगियों के लिए भी उपयुक्त बनाता है। इसमें फाइबर, प्रोटीन और एंटीऑक्सिडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसका GI कम से मध्यम के बीच होता है और इसे पैनकेक, चपाती या बेकिंग में उपयोग किया जा सकता है।

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