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Up Kiran, Digital Desk: कभी आपने सोचा है कि पैसा आता तो है, लेकिन रुकता क्यों नहीं? सब कुछ ठीक होने के बावजूद मन में एक अजीब सी बेचैनी क्यों रहती है, या अचानक खर्चों का बोझ क्यों बढ़ जाता है? जब ऐसी स्थिति आती है, तो बड़े-बुजुर्ग अक्सर एक ही बात कहते हैं: घर की बरकत रुक गई है।

लेकिन बरकत का मतलब सिर्फ़ दौलत से नहीं होता। इसका सीधा संबंध है घर की सकारात्मक ऊर्जा सुख-शांति और स्थिरता से। जब ये ज़रूरी ऊर्जा कमज़ोर होने लगती है, तब नकारात्मकता कलह और मानसिक तनाव तेज़ी से बढ़ने लगता है। यह ख़बर आपको बताएगी हमारी छह बेहद मामूली आदतें जो बरकत के रास्ते में सबसे बड़ी रुकावट बनती हैं और उनसे बचने का सीधा तरीका क्या है।

1. दाँतों से नाखून कुतरना: अशुभता का संकेत

ज्योतिष हो या वास्तु, दाँतों से नाखून काटना बेहद बुरा माना जाता है। यह आदत सिर्फ़ आपकी सेहत के लिए ख़तरनाक नहीं है, बल्कि यह आपके शरीर की ऊर्जा को भी कमज़ोर करती है। मान्यता है कि जो इंसान बार-बार ऐसा करता है, उसके घर से बरकत धीरे-धीरे चली जाती है। इसे तुरंत छोड़ना ही समझदारी है।

2. उल्टे पैर से कपड़े पहनना: वास्तु दोष की जड़

सुबह तैयार होते समय अगर आप हमेशा बाएँ पैर से कपड़े पहनना शुरू करते हैं, तो यह वास्तु दोष माना जाता है। सनातन परंपरा में दायाँ पैर शुभता सूर्य और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। बाएँ पैर से शुरुआत करना नकारात्मकता को बढ़ाता है और आपकी आर्थिक स्थिरता पर भारी असर डाल सकता है। कोशिश करें कि हमेशा दाएँ पैर से ही कपड़े पहनना शुरू करें।

3. मेहमानों को देखकर चिढ़ना: लक्ष्मी का अपमान

हमारे शास्त्रों में साफ़ कहा गया है: 'अतिथि देवो भवः'। कई बार घर में मेहमान आते हैं, तो हम झुंझला जाते हैं, लेकिन जिस घर में मेहमानों का आना नागवार गुज़रता है या लोग नाराज़ होते हैं, वहाँ से देवी लक्ष्मी का वास धीरे-धीरे ख़त्म हो जाता है। मेहमान का खुश मन से स्वागत करना आदर देना घर में शुभता और समृद्धि का माहौल बनाए रखता है।

4. कूड़ा घर में जमा रखना: नकारात्मक ऊर्जा का केंद्र

00वास्तु के नियमों के मुताबिक, घर में इकट्ठा हुआ कूड़ा सीधे तौर पर नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। अगर कचरा कई दिनों तक नहीं फेंका जाता या किसी कोने में रखा रहता है, तो यह बरकत को रोक देता है। घर को हर सुबह अच्छी तरह साफ़ करें और कूड़ा उसी दिन बाहर निकालें। ख़ासकर रसोई और पूजा घर को हमेशा स्वच्छ रखना चाहिए।

5. टूटे-फूटे सामान का मोह: दरिद्रता की निशानी

बहुत से लोग टूटे हुए बर्तन, ख़राब घड़ी या टूटा फर्नीचर सालों तक घर में रखे रहते हैं। ये चीज़ें वास्तु दोष को कई गुना बढ़ाती हैं और इन्हें ग़रीबी का संकेत माना जाता है। टूटी वस्तुएँ सिर्फ़ ऊर्जा को ब्लॉक नहीं करतीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक रूप से भी घर का माहौल भारी कर देती हैं। पुरानी टूटी चीज़ों को तुरंत घर से बाहर का रास्ता दिखाएँ।

6. रिश्तेदारों से कड़वा व्यवहार: बुजुर्गों का अनादर

शास्त्रों के अनुसार, जो व्यक्ति अपने बुजुर्गों या संबंधियों से दुर्व्यवहार करता है, उसकी बरकत धीरे-धीरे ख़त्म हो जाती है। परिवार में झगड़ा, अपमान और आपसी मनमुटाव से माँ लक्ष्मी नाराज़ हो जाती हैं। माता-पिता, भाई-बहन या रिश्तेदारों के साथ हमेशा मीठा व्यवहार रखें। यही व्यवहार घर में सकारात्मक ऊर्जा और स्थिरता का आधार होता है।