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Up Kiran, Digital Desk: इन दिनों इंटरनेट की गलियों में एक ही ट्रेंड छाया हुआ है – विशाल मेगा मार्ट के सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी। जी हां, सुनने में भले ही ये अजीब लगे, मगर सोशल मीडिया पर इस जॉब को लेकर ऐसा क्रेज छाया हुआ है कि लोग इसे UPSC से भी ज्यादा मुश्किल बताने लगे हैं। मगर इस ट्रेंड के पीछे है एक दिलचस्प एग्जाम, एक दमदार प्रमोशन स्ट्रैटेजी और एक बिजनेस आइकन की संघर्ष भरी कहानी।

"एक ही सपना – गार्ड बनना!" मीम्स की सुनामी क्यों आई

1 अप्रैल को विशाल मेगा मार्ट ने सुरक्षा गार्ड की भर्ती के लिए एक परीक्षा रखी। अब सोचिए, एक गार्ड की नौकरी के लिए करेंट अफेयर्स, अंग्रेज़ी और स्थानीय भाषा के सवाल पूछे गए। ऊपर से शॉर्टलिस्ट वही हुए, जिनके पास पहले से सिक्योरिटी का अनुभव था या जिन्होंने शूटिंग और मार्शल आर्ट्स सीखी थी।

इस परीक्षा में महज 1% कैंडिडेट्स पास हो सके। और यहीं से सोशल मीडिया का मीम यूनिवर्स जाग उठा। इंस्टाग्राम से लेकर X (पहले ट्विटर) तक मीम्स की बाढ़ आ गई- JEE निकाल लेंगे, मगर विशाल मेगा मार्ट गार्ड बनना मुश्किल है। कोचिंग शुरू – लक्ष्य सिक्योरिटी गार्ड 2025! "Motivational quote: UPSC छोड़ो, VMG Guard बनो।

ये सब सुनकर हंसी तो जरूर आती है, मगर इस वायरल ट्रेंड के पीछे छिपा है एक गहरी मार्केटिंग मास्टरस्ट्रोक और एक मजबूत प्रेरणा की कहानी।

बिना एक पैसा खर्च किए ब्रांड बन गया सुपरस्टार

सोशल मीडिया मीम्स के चलते विशाल मेगा मार्ट का ब्रांड नाम हर जगह गूंज रहा है। मार्केटिंग के लिहाज से यह organic (बिना विज्ञापन) प्रचार का सबसे बेहतरीन उदाहरण बन गया है। अब ब्रांड न सिर्फ value retail के लिए जाना जा रहा है बल्कि prestige job provider के रूप में भी पॉपुलर हो गया है।

राम चंद्र अग्रवाल: वह आदमी जिसने एक नहीं, दो ब्रांड बनाए

इन सारी बातों के बीच एक नाम बार-बार सामने आ रहा है- राम चंद्र अग्रवाल। वह व्यक्ति जिन्होंने एक साधारण शुरुआत से भारत का बड़ा रिटेल ब्रांड खड़ा किया। राम चंद्र अग्रवाल एक साधारण परिवार में पैदा हुए। उनके पास कोई बड़ी डिग्री नहीं थी, न कोई फाइनेंशियल बैकिंग। शुरू में वह लोकल दुकानों को कपड़े बेचते थे। धीरे-धीरे मार्केट की नब्ज पकड़ ली।

सन् 2001 में कोलकाता में उन्होंने विशाल मेगा मार्ट की शुरुआत की। उन्होंने 'वैल्यू रिटेल' मॉडल पेश किया यानि कम कीमत में अच्छी क्वालिटी का प्रोडक्ट। इस मॉडल ने छोटे शहरों में जबरदस्त काम किया। एक समय ऐसा आया जब भारत में विशाल मेगा मार्ट के 170 से ज्यादा स्टोर थे। मगर 2008-09 की मंदी और मैनेजमेंट की समस्याओं ने कंपनी को आर्थिक संकट में डाल दिया। अंततः 2011 में कंपनी को TPG और श्रीराम ग्रुप को बेचना पड़ा।

लोगों ने मान लिया कि राम चंद्र अग्रवाल की बिजनेस यात्रा यहीं तक थी। मगर उन्होंने V2 Retail के नाम से नई शुरुआत की। यह उनका दूसरा प्रयास था मगर इस बार अनुभव साथ था। कम लागत, तेज़ सेवा और क्वालिटी पर फोकस के साथ V2 Retail दोबारा छा गया। अब यह कंपनी शेयर बाजार में लिस्टेड है और इसकी मार्केट वैल्यू 6,530 करोड़ रुपये (21 मई 2025 तक) है।

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