Up Kiran, Digital Desk: कल का दिन भारत के लिए और पूरी दुनिया के लिए बहुत बड़ा होने वाला है, खासकर जब बात साफ और सुरक्षित ऊर्जा की आती है। कल, देश की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance - ISA) की महासभा को संबोधित करेंगी। इस बड़े अंतरराष्ट्रीय मंच पर पूरी दुनिया की नजरें भारत पर टिकी होंगी।
क्या है यह ISA और यह क्यों है इतना महत्वपूर्ण?
ISA, भारत की ही देन है। यह भारत और फ्रांस द्वारा मिलकर शुरू की गई एक वैश्विक पहल है, जिसका सपना है - "एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड"। इसका मकसद है दुनिया भर में सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देना, ताकि हमारी पृथ्वी को प्रदूषण से बचाया जा सके और सबको सस्ती और साफ बिजली मिल सके।
राष्ट्रपति मुर्मू क्या संदेश देंगी दुनिया को?
इस महत्वपूर्ण सभा में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दुनिया के सामने सौर ऊर्जा को लेकर भारत का विजन (India's solar power vision) रखेंगी। वह बताएंगी कि भारत कैसे सौर ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है और भविष्य के लिए हमारी क्या योजनाएं हैं। उनके भाषण के मुख्य बिंदु हो सकते हैं:
भारत की उपलब्धियां: भारत ने पिछले कुछ सालों में सौर ऊर्जा के उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि की है। वह इन उपलब्धियों को दुनिया के सामने रखेंगी।
भविष्य का रोडमैप: भारत का लक्ष्य 2030 तक अपनी ऊर्जा जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा नवीकरणीय ऊर्जा, खासकर सौर ऊर्जा से पूरा करना है। वह इस लक्ष्य को हासिल करने का प्लान साझा करेंगी।
दुनिया के लिए संदेश: वह दुनिया के बाकी देशों, खासकर छोटे और विकासशील देशों से अपील करेंगी कि वे भी इस 'सौर क्रांति' में भारत के साथ शामिल हों।
राष्ट्रपति मुर्मू का यह संबोधन सिर्फ एक भाषण नहीं होगा, बल्कि यह दुनिया को यह बताने का एक मौका होगा कि भारत एक टिकाऊ और बेहतर भविष्य के लिए कितना प्रतिबद्ध है।
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