
Up Kiran, Digital Desk: कर्नाटक के माले महादेश्वर वन्यजीव अभयारण्य से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक बाघिन का आधा शव जमीन में दफ़न मिला है। घटना के बाद राज्य के वन और पर्यावरण मंत्री ईश्वर बी. खंड्रे ने तुरंत एक विशेष जांच के आदेश दिए हैं, जिसका नेतृत्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF) करेंगे।
यह घटना गुरुवार शाम की है, जब वन विभाग के कर्मचारी हनूर बफर जोन के पचेदोड्डी गांव के पास गश्त पर थे। इसी दौरान उन्हें जमीन में आंशिक रूप से दबी हुई बाघिन के अवशेष मिले। शव में बाघिन का सिर, कंधे और आगे के पंजे शामिल थे, जबकि शरीर का बाकी हिस्सा गायब था।
माले महादेश्वर वन्यजीव अभयारण्य के उप वन संरक्षक, भास्कर ने बताया, "जो हिस्से मिले हैं, उनमें पंजे और दांत सुरक्षित हैं। यह साफ तौर पर शिकार का मामला है। हमने डॉग स्क्वायड की टीम लगा दी है और जल्द ही अपराधियों का पता लगा लिया जाएगा।"
मामले की गंभीरता को देखते हुए मंत्री ईश्वर खंड्रे ने पीसीसीएफ स्मिता बिजूर को लिखित आदेश जारी कर खुद मौके पर जाकर जांच का नेतृत्व करने को कहा है। उन्होंने टीम को पिछले तीन साल में दर्ज हुए शिकार के सभी मामलों की समीक्षा करने और पुरानी जांच रिपोर्टों का अध्ययन करने का भी निर्देश दिया है।
मंत्री खंड्रे ने चेतावनी देते हुए कहा, "बाघ की इस तरह की क्रूर हत्या बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को भी नहीं बख्शा जाएगा। आठ दिनों के अंदर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जानी चाहिए। अपराधियों को हर हाल में ढूंढकर कानून के तहत सजा दी जाएगी।"
इस घटना ने एक बार फिर वन्यजीव कार्यकर्ताओं की चिंता बढ़ा दी है। पिछले चार महीनों में माले महादेश्वर और कावेरी वन्यजीव अभयारण्यों में यह आठवें बाघ की मौत है। इससे पहले जून में 5 बाघों को ज़हर देकर मार दिया गया था और अगस्त में दो शावकों की मौत हो गई थी। इस ताजा घटना ने इलाके में बढ़ते अवैध शिकार के खतरे को और भी पुख्ता कर दिया है।