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Up Kiran, Digital Desk: तिब्बती दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन को लेकर भारत ने चीन को कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी पर निर्णय लेने का अधिकार केवल दलाई लामा और उनकी धार्मिक परंपरा के पास है।
अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने जोर देकर कहा है कि "दलाई लामा के उत्तराधिकारी का चयन केवल स्थापित परंपरा और दलाई लामा की इच्छा के अनुसार ही किया जाएगा। किसी और को ऐसा करने का अधिकार नहीं है।"
दलाई लामा के संगठन का आधिकारिक बयान
बुधवार को, दलाई लामा ने खुद स्पष्ट किया था कि उनका संगठन, 'गादेन फोडरंग ट्रस्ट', उनके भावी पुनर्जन्म को मान्यता देने वाला एकमात्र आधिकारिक निकाय है। चीन द्वारा उनके उत्तराधिकार की योजना को अस्वीकार किए जाने के मद्देनजर यह बयान और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।)(
"दलाई लामा बौद्धों के लिए सबसे महत्वपूर्ण और पूजनीय संस्था हैं। उनके अनुयायियों का मानना है कि इस अवतार का निर्णय केवल स्थापित परंपरा और दलाई लामा की इच्छा के अनुसार ही किया जाएगा।"
चीन के बयान पर भारत की प्रतिक्रिया दावा जवाब
चीन ने दावा किया था कि भविष्य में कोई भी दलाई लामा तभी वैध होगा जब उसे चीन से मान्यता मिलेगी। भारत ने इस दावे का स्पष्ट रूप से खंडन किया है और तिब्बती परंपराओं का सम्मान करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।
रिजिजू ने कहा, "कोई अन्य व्यक्ति या देश यह तय नहीं कर सकता कि दलाई लामा का उत्तराधिकारी कौन होगा।" किरेन रिजिजू खुद बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं और तिब्बती बौद्ध समुदाय में दलाई लामा की भूमिका को सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। उनका यह बयान चीन के खिलाफ भारत सरकार के कड़े और स्पष्ट रुख को दर्शाता है।
दलाई लामा का 90वां जन्मदिन
दलाई लामा का 90वां जन्मदिन 6 जुलाई को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम में भारत सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह मौजूद रहेंगे। रिजिजू ने यह भी कहा कि भारत में रहने वाले बौद्ध दलाई लामा की शिक्षाओं और परंपराओं का पालन करते हैं।
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