भारतीय न्यायपालिका में एक महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहा है। 24 नवंबर को, जस्टिस सूर्यकांत देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ लेंगे। यह भारत के सर्वोच्च न्यायिक पद पर एक महत्वपूर्ण नियुक्ति है, और हर किसी की नजरें इस पर टिकी हैं कि उनके नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट की दिशा क्या होगी।
कौन हैं जस्टिस सूर्यकांत: जस्टिस सूर्यकांत वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीशों में से एक हैं। उनका कानूनी करियर शानदार रहा है। सुप्रीम कोर्ट में आने से पहले, वह हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे। उन्होंने अपने सफर की शुरुआत पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से की, जहाँ उन्होंने एक लंबे समय तक न्यायाधीश के रूप में अपनी सेवाएं दीं।
कानून के जानकारों के बीच, जस्टिस सूर्यकांत को उनकी तेज समझ और अहम संवैधानिक मामलों पर दिए गए फैसलों के लिए जाना जाता है। उनकी नियुक्ति वरिष्ठता के सिद्धांत के आधार पर हो रही है, जो भारत में मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की एक स्थापित परंपरा है।
आगे क्या होगा: मुख्य न्यायाधीश का पद संभालने के बाद, जस्टिस सूर्यकांत के सामने कई चुनौतियां और मौके होंगे। उन पर न केवल देश के सबसे महत्वपूर्ण मुकदमों की सुनवाई की जिम्मेदारी होगी, बल्कि न्यायपालिका में सुधारों को आगे बढ़ाने का भी दारोमदार होगा। उनका कार्यकाल कितना लंबा होगा और उनके नेतृत्व में भारतीय न्यायपालिका कौन सी नई ऊंचाइयों को छुएगी, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन यह निश्चित है कि यह नियुक्ति देश के लिए एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम है।
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