
Up Kiran, Digital Desk: बिहार में अगले विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक गलियारों में ज़ोरदार गहमागहमी है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट को फाइनल करने के लिए अपनी रफ़्तार बढ़ा दी है। सूत्रों के मुताबिक, आज पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के सरकारी आवास पर बीजेपी के केंद्रीय कोर ग्रुप की एक बेहद ज़रूरी बैठक होने वाली है। इस मीटिंग का मुख्य मकसद यही है कि बिहार चुनाव में बीजेपी किन-किन नेताओं को टिकट देगी, इस पर अंतिम मुहर लगा दी जाए।
इस मीटिंग का इतना महत्व क्यों?
दरअसल, बीजेपी का कोर ग्रुप पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्थाओं में से एक है। इसमें प्रधानमंत्री, पार्टी अध्यक्ष और बाकी वरिष्ठ नेता शामिल होते हैं। यानी, बिहार जैसे अहम राज्य के लिए कौन नेता चुनाव लड़ेगा, इसकी रणनीति और नामों को यहीं फाइनल किया जाता है।
बताया जा रहा है कि प्रदेश स्तर से यानी बिहार यूनिट से नामों की छँटनी करके एक छोटी लिस्ट पहले ही केंद्रीय नेतृत्व को भेजी जा चुकी है। अब दिल्ली में बैठे आला नेता इन नामों को जीत की क्षमता (Winnability) और अन्य ज़रूरी समीकरणों (जातिगत, क्षेत्रीय, आदि) पर तौलकर फाइनल करेंगे।
टिकट बंटवारे में क्या बड़ा बदलाव होगा?
सभी की नज़रें इस बात पर टिकी हैं कि बीजेपी अपने टिकट बंटवारे (Ticket Distribution) में इस बार क्या बड़ा बदलाव करती है।
क्या वे पुराने नेताओं, जिन्हें जीत का अनुभव है, उन पर दांव लगाएंगे?
या क्या कई विधायकों के टिकट काटकर नए, ऊर्जावान और युवा चेहरों को मौका देंगे?
इस कोर ग्रुप की बैठक में इसी तरह के मुश्किल चुनावी रणनीति वाले फैसले लिए जाएंगे। एक बार जब नामों पर अंतिम मुहर लग जाएगी, तो माना जा रहा है कि बीजेपी बहुत जल्द अपने उम्मीदवारों की पूरी लिस्ट जारी कर देगी। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हो रही यह बैठक इस मायने में अहम है कि यह न केवल उम्मीदवारों की लिस्ट तय करेगी, बल्कि यह भी तय करेगी कि बिहार चुनाव में पार्टी की जीत की राह क्या होगी।