
नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का हालिया मिशन PSLV-C61 अपेक्षित सफलता हासिल नहीं कर पाया। इस मिशन के तहत EOS-09 उपग्रह को कक्षा में स्थापित किया जाना था, लेकिन यह उपग्रह अपनी तय कक्षा में नहीं पहुंच पाया। इसरो ने मिशन में आई इस तकनीकी बाधा की पुष्टि की है और फिलहाल इसकी जांच की जा रही है।
PSLV (Polar Satellite Launch Vehicle) भारत का विश्वसनीय लॉन्च वाहन माना जाता है, जिसने पहले भी कई सफल मिशनों को अंजाम दिया है। लेकिन इस बार इसके C61 संस्करण में तकनीकी खामी के कारण मिशन अपने उद्देश्य में पूर्णतः सफल नहीं हो सका। सूत्रों के मुताबिक, प्रक्षेपण के अंतिम चरण में कुछ तकनीकी गड़बड़ी सामने आई, जिसकी वजह से EOS-09 सैटेलाइट को उसकी लक्षित कक्षा में नहीं पहुंचाया जा सका।
EOS-09 एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है, जिसे मौसम, पर्यावरण और कृषि से जुड़े आंकड़ों को इकट्ठा करने के लिए तैयार किया गया था। यह सैटेलाइट भू-निगरानी और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता था। हालांकि, इसरो के वैज्ञानिक इस असफलता को तकनीकी सीख के रूप में ले रहे हैं और इसकी विस्तृत जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है।
इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मिशन में क्या तकनीकी चूक हुई, इसका पता लगाने के लिए डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है। संगठन भविष्य में ऐसी त्रुटियों से बचने के लिए सुधारात्मक कदम उठाएगा।
हालांकि मिशन के कुछ अन्य उद्देश्यों को आंशिक रूप से सफलता मिली है, लेकिन मुख्य सैटेलाइट के लक्षित कक्षा तक न पहुंचने से यह मिशन अधूरा रह गया। इसरो ने भरोसा जताया है कि आगामी मिशनों में इस अनुभव से सीखी गई बातों का लाभ मिलेगा और भविष्य में मिशन पूरी सफलता के साथ पूरे किए जाएंगे।
इस प्रकार, PSLV-C61 मिशन से मिली यह चुनौती इसरो के लिए एक नई सीख बनकर सामने आई है।
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