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एयर इंडिया के हाल ही में हुए हादसे पर अमेरिका की प्रतिष्ठित मीडिया संस्था वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की रिपोर्ट ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। रिपोर्ट में हादसे के पीछे कैप्टन की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। इस पर भारत की पायलट यूनियन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे 'पूर्वग्रहपूर्ण' करार दिया है।

यूनियन ने साफ तौर पर कहा कि जब तक घटना की पूरी तकनीकी और प्रक्रियात्मक जांच नहीं हो जाती, तब तक किसी व्यक्ति विशेष — विशेष रूप से कैप्टन — को जिम्मेदार ठहराना पूरी तरह अनुचित और गैर-जिम्मेदाराना है।

पायलटों के संगठन का कहना है कि ऐसे आरोप न केवल पेशेवरों की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि ongoing जांच प्रक्रिया को भी प्रभावित कर सकते हैं। यूनियन ने यह भी मांग की है कि मीडिया और विदेशी रिपोर्टिंग एजेंसियां संवेदनशील मामलों पर तथ्यों के आधार पर रिपोर्टिंग करें और अटकलों से बचें।

बताया गया है कि विमान में तकनीकी खराबी के संकेत पहले से मिल रहे थे, जिसकी जांच DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) द्वारा की जा रही है। ऐसे में किसी एक व्यक्ति को दोष देना न्यायसंगत नहीं माना जा सकता।

यह पहली बार नहीं है जब हादसों के बाद पायलटों पर सीधे आरोप लगाए गए हैं। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि तकनीकी कारण, एटीसी संवाद, मौसम और अन्य पहलुओं की गहराई से जांच जरूरी होती है।

अब सभी की निगाहें DGCA की जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो आने वाले हफ्तों में सामने आ सकती है।

 

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