Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका में चुनावी माहौल गरमाता जा रहा है और इसके साथ ही पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तेवर भी और तीखे होते जा रहे हैं। अपने एक ताज़ा बयान में ट्रंप ने अरबपति निवेशक और लिबरल एक्टिविस्ट जॉर्ज सोरोस पर एक बहुत बड़ा और गंभीर आरोप लगाया है, जिसने अमेरिकी राजनीति में हलचल मचा दी है। ट्रंप ने सीधे तौर पर सोरोस पर अमेरिका में हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों को पैसा देने यानी फंडिंग करने का आरोप लगाया है।
यही नहीं, ट्रंप सिर्फ़ आरोप लगाकर ही नहीं रुके, बल्कि उन्होंने सोरोस को एक तरह से खुली धमकी भी दे डाली। अपने ख़ास अंदाज़ में ट्रंप ने कहा, "सावधान रहो जॉर्ज सोरोस, हम तुम्हें देख रहे हैं।"
क्या है पूरा मामला:डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि अमेरिका के अलग-अलग शहरों में जो हिंसक प्रदर्शन और दंगे हो रहे हैं, उनके पीछे जॉर्ज सोरोस जैसे लोग हैं, जो ऐसे आंदोलनों को पैसा देकर अस्थिरता फैलाना चाहते हैं। आपको बता दें कि जॉर्ज सोरोस एक बड़े अरबपति हैं और वे दुनियाभर में उदारवादी (लिबरल) और लोकतांत्रिक संस्थाओं को समर्थन देने के लिए जाने जाते हैं।
ट्रंप और उनके समर्थक लंबे समय से सोरोस को अपने निशाने पर लेते रहे हैं। वे सोरोस को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में पेश करते हैं जो अपने पैसों के दम पर देश की राजनीति को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है और वामपंथी एजेंडे को बढ़ावा दे रहा है।
ट्रंप की धमकी के क्या हैं मायने?
"हम तुम्हें देख रहे हैं" - ट्रंप का यह बयान सिर्फ एक राजनीतिक आरोप नहीं है, बल्कि इसे एक सीधी चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ट्रंप इस तरह के बयानों से अपने समर्थकों को यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि देश में जो कुछ भी गलत हो रहा है, उसके पीछे कुछ "अदृश्य ताकतें" हैं और वे उन ताकतों से लड़ रहे हैं।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीतिक तनाव अपने चरम पर है। ट्रंप के इस बयान के बाद यह बहस और तेज़ हो गई है कि क्या सच में इन प्रदर्शनों के पीछे किसी की फंडिंग है या यह सिर्फ एक राजनीतिक स्टंट है।
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