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Up Kiran, Digital Desk: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बड़ा कदम उठाते हुए गूगल के जीमेल (Gmail) और माइक्रोसॉफ्ट के आउटलुक (Outlook) जैसे विदेशी ईमेल सर्विस को छोड़कर भारतीय टेक कंपनी ज़ोहो (Zoho) की मेल सर्विस का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. यह फैसला सिर्फ एक मंत्री का अपनी ईमेल सर्विस बदलना नहीं है, बल्कि इसके पीछे डेटा सुरक्षा और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने की एक बड़ी सोच है.

क्यों पड़ी ज़ोहो की जरूरत: सरकारी कामकाज, खासकर गृह मंत्रालय जैसे संवेदनशील विभाग में, डेटा की सुरक्षा सबसे अहम होती है. जीमेल और आउटलुक जैसी कंपनियों के सर्वर भारत से बाहर हैं, जिससे देश की जरूरी जानकारी और डेटा पर विदेशी एजेंसियों की नजर का खतरा हमेशा बना रहता है. ज़ोहो एक भारतीय कंपनी है और इसका डेटा सेंटर भारत में ही है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि सारा डेटा देश की सीमाओं के अंदर ही सुरक्षित रहेगा.

डेटा प्राइवेसी है सबसे बड़ी वजह: ज़ोहो अपनी मजबूत प्राइवेसी पॉलिसी के लिए जानी जाती है. कंपनी का दावा है कि वह यूजर्स के डेटा को किसी भी विज्ञापन कंपनी को नहीं बेचती है. यह एक बहुत बड़ा कारण है कि गृह मंत्रालय ने इस पर भरोसा जताया है. हाल के दिनों में डेटा लीक और जासूसी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए, सरकार अब 'मेड इन इंडिया' टेक्नोलॉजी पर ज्यादा जोर दे रही है.

अमित शाह का यह कदम बाकी सरकारी विभागों के लिए भी एक संदेश है कि वे भी धीरे-धीरे विदेशी सॉफ्टवेयर और सर्विस को छोड़कर भारतीय विकल्पों को अपनाएं. यह न केवल देश के डेटा को सुरक्षित करेगा, बल्कि 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान को भी मजबूती देगा.