
Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले एक दशक में भारत के वन्यजीवों को बचाने और उनके घरों (प्राकृतिक आवासों) को फिर से संवारने में मिली ऐतिहासिक कामयाबियों की जमकर तारीफ की है. उन्होंने कहा कि इस मामले में भारत ने जो काम किया है, वह पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बनेगा.
पीएम मोदी ने पर्यावरण और वन मंत्रालय के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि पिछले दस सालों में शुरू की गई योजनाओं के शानदार नतीजे मिले हैं. उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के एक लेख को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर शेयर करते हुए इन सफलताओं पर प्रकाश डाला. इस लेख में बताया गया है कि कैसे सरकार ने विलुप्त होने की कगार पर खड़ी प्रजातियों को बचाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जो पर्यावरण को लेकर भारत की मजबूत प्रतिबद्धता को दिखाता है.
पीएम मोदी ने अपनी पोस्ट में लिखा, "इस लेख में 'अमृत काल का टाइगर विजन (Tiger@2047)', 'प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड', 'प्रोजेक्ट चीता' और 'प्रोजेक्ट डॉल्फिन' जैसी पहलों के बारे में बताया गया है, जो वन्यजीव संरक्षण के लिए एक नई उम्मीद जगाती हैं."
यह चर्चा 'वन्यजीव सप्ताह 2025' के समापन के मौके पर हुई है, जिसमें भारत की सफलताओं को दुनिया के सामने रखा गया.
पर्यावरण मंत्री ने अपने लेख में बताया कि भारत दुनिया का पहला ऐसा देश है, जिसने अपने 10 अलग-अलग जैव-भौगोलिक क्षेत्रों में पाए जाने वाले 1,02,718 जीव-जंतुओं की प्रजातियों की एक लिस्ट तैयार की है. उन्होंने यह भी कहा, "पिछले दशक में बाघों की संख्या में 30 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. आज दुनिया के 70 प्रतिशत बाघ (कुल 3,682) भारत में रहते हैं."
वन्यजीव सप्ताह के समापन समारोह में पर्यावरण मंत्री ने सभी लोगों से इस मिशन में भागीदारी की अपील करते हुए कहा, “वन्यजीवों की सुरक्षा सिर्फ एक सरकारी ड्यूटी नहीं है, बल्कि यह हम सब की साझा जिम्मेदारी है, ताकि प्रकृति और इंसान के बीच एक अच्छा तालमेल बना रहे.”