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Up Kiran, Digital Desk: गुजरात टाइटंस की ओर से मौजूदा आईपीएल सीजन खेलने वाले तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज इस बार अपने पुराने फ्रेंचाइज़ी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु का हिस्सा नहीं थे। सात लंबे साल इस टीम के लिए खेल चुके सिराज को आरसीबी ने मेगा ऑक्शन से पहले रिलीज कर दिया था। मज़ेदार बात यह रही कि नीलामी के दौरान फ्रेंचाइज़ी ने उन पर ज़्यादा बोली लगाने की कोशिश तक नहीं की। ऐसे में फैन्स के मन में लगातार यह सवाल उठता रहा कि आखिर क्यों टीम ने अपने भरोसेमंद तेज गेंदबाज को छोड़ दिया। अब इस राज़ से परदा उठाया है टीम डायरेक्टर मो बोबाट ने।
भुवनेश्वर कुमार को टीम में लाने की चाहत
मो बोबाट ने क्रिकबज से बातचीत में साफ किया कि यह फैसला आसान बिल्कुल नहीं था। उनके मुताबिक, अगर आरसीबी सिराज को रिटेन कर लेती, तो भुवनेश्वर कुमार को टीम में शामिल करना मुश्किल हो जाता। आरसीबी भुवी को हर हाल में स्क्वॉड में चाहती थी, क्योंकि टीम को उनकी अनुभवी गेंदबाजी दोनों छोर से चाहिए थी।
गौरतलब है कि भुवनेश्वर कुमार 11 सीजन तक सनराइजर्स हैदराबाद की जर्सी में खेल चुके थे। इस बार आरसीबी ने उन पर 10.75 करोड़ रुपये खर्च कर बोली लगाई और उन्हें अपनी टीम में शामिल कर लिया।
सिराज को लेकर लंबी चर्चा हुई थी
बोबाट ने बताया कि सिराज को लेकर मैनेजमेंट के भीतर लंबी बहस हुई। "भारतीय तेज गेंदबाज आईपीएल में किसी भी फ्रेंचाइज़ी के लिए सबसे मूल्यवान खिलाड़ी होते हैं। हमने रिटेन करने, रिलीज करने और यहां तक कि राइट-टू-मैच कार्ड का इस्तेमाल करने तक सभी विकल्पों पर विचार किया था। लेकिन कई कारकों को ध्यान में रखते हुए अंततः हमें मुश्किल फैसला लेना पड़ा।"
इस सीजन सिराज ने गुजरात टाइटंस के लिए 15 मैच खेले और 16 बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा। हालांकि 9.24 की इकॉनमी उनके लिए थोड़ी चिंता का विषय रही। वहीं आरसीबी के लिए अपने सात सालों के सफर में उन्होंने 87 मुकाबलों में 99 विकेट हासिल किए थे।
कैमरून ग्रीन पर भी खुलासा
बेंगलुरु टीम के डायरेक्टर ने ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर कैमरून ग्रीन को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि अगर ग्रीन चोटिल नहीं होते तो उन्हें भी रिटेन लिस्ट में रखा जाता। पूरी तरह फिट रहते तो मैनेजमेंट उन्हें छोड़ना नहीं चाहता था।
18 साल का इंतजार खत्म
सिराज और ग्रीन को लेकर हुए बदलावों का नतीजा आरसीबी के लिए कारगर साबित हुआ। टीम की रणनीति इस बार हिट रही और बेंगलुरु फ्रेंचाइज़ी ने 18 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार आईपीएल ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। फाइनल में उन्होंने पंजाब को मात दी।
विराट कोहली ने पूरे टूर्नामेंट में बेहद शानदार प्रदर्शन करते हुए 15 पारियों में 657 रन ठोके और टीम के सबसे सफल बल्लेबाज बने। गेंदबाजी में जोश हेजलवुड ने 12 मुकाबलों में 22 विकेट चटकाकर कमाल कर दिया।
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