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Up Kiran, Digital Desk: सोमवार को भारत के सुप्रीम कोर्ट में एक बेहद चौंकाने वाली और अभूतपूर्व घटना हुई, जिसने पूरी न्यायपालिका को स्तब्ध कर दिया। एक वकील, जिसकी पहचान डी.वी. मुरली मोहन के रूप में हुई है, ने सुनवाई के दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) पर हमला करने की कोशिश की। यह घटना उस वक्त हुई जब CJI डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच एक मामले की सुनवाई कर रही थी।

क्या हुआ था कोर्ट रूम में: सुनवाई के दौरान वकील डी.वी. मुरली मोहन अचानक अपनी सीट से उठे और चिल्लाते हुए CJI की बेंच की ओर दौड़ पड़े। जब सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की, तो उन्होंने अपनी जेब से एक छोटी चाकू जैसी चीज निकालने का प्रयास किया। 

मौके पर मौजूद सुरक्षाबलों ने तुरंत हरकत में आते हुए उन्हें पकड़ लिया और कोर्ट रूम से बाहर ले गए। इस घटना के कारण कोर्ट में कुछ देर के लिए हड़कंप मच गया, हालांकि, कुछ ही देर बाद स्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया और कार्यवाही फिर से शुरू हो गई।

कौन है ये वकील और क्यों किया ऐसा?

डी.वी. मुरली मोहन पहले से ही सुप्रीम कोर्ट की अवमानना (Contempt of Court) के मामले का सामना कर रहे हैं। यह पूरा विवाद उनकी एक विवादित टिप्पणी से शुरू हुआ था।

विवाद की जड़: भगवान विष्णु पर टिप्पणी

यह मामला तब शुरू हुआ जब मुरली मोहन ने भगवान विष्णु को लेकर एक आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि भगवान विष्णु की मूर्ति केवल "पत्थर का एक टुकड़ा" है। यह टिप्पणी उन्होंने एक मामले की सुनवाई के दौरान की थी, जिसके बाद उनकी काफी आलोचना हुई थी।

कोर्ट की अवमानना का मामला

इस टिप्पणी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया था। पिछले महीने 27 सितंबर को जस्टिस अनिरुद्ध बोस और बेला एम. त्रिवेदी की बेंच ने उन्हें अदालत की अवमानना का दोषी मानते हुए तीन महीने की जेल और 2,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। हालांकि, अदालत ने उन्हें अपनी कानूनी प्रैक्टिस जारी रखने की अनुमति दे दी थी।

अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि मुरली मोहन ने जानबूझकर "अदालत के अधिकार को कम करने" और "न्याय के प्रशासन में हस्तक्षेप" करने का प्रयास किया। ऐसा लगता है कि इसी फैसले से नाराज होकर उन्होंने सोमवार को यह खौफनाक कदम उठाया।