Up Kiran, Digital Desk: सर्दियों का मौसम आते ही ज्यादातर लोगों के हाथ पैर की उंगलियां सूजने लगती हैं और इतना दर्द होता है कि रात को बिस्तर में करवटें बदलते रहो। नींद उड़ जाती है। ऊपर से खुजली अलग से तंग करती है। कई दिनों तक धूप नहीं निकलती तो ये परेशानी और बढ़ जाती है। अगर अभी से ध्यान नहीं दिया तो बाद में छाले पड़ने तक बात पहुँच जाती है।
ये सूजन क्यों आती है?
जब बाहर बहुत ठंड होती है तो हमारे शरीर की छोटी छोटी रक्त नसें सिकुड़ जाती हैं ताकि गर्मी अंदर ही रहे। फिर अचानक कमरे में आकर हीटर के पास बैठे या गर्म पानी डाला नहीं कि वो नसें तेजी से फैलने लगती हैं। इस झटके से नाजुक जगहों पर नसें कमजोर पड़ जाती हैं। उनमें से तरल पदार्थ रिसने लगता है और उंगलियां फूल जाती हैं। स्किन लाल हो जाती है। अगर यही चलता रहा तो छाले बन जाते हैं। लोग इसे "चिलबेन" या "ठंड के छाले" कहते हैं।
इन आसान तरीकों से बचा जा सकता है
- बंद और आरामदायक जूते चप्पल पहनें घर में भी नंगे पैर मत घूमें। जुराबें जरूर पहनें। जितनी कम देर उंगलियां ठंडी हवा में रहेंगी उतना ही अच्छा है। ढीले ढाले बंद जूते या मोजे वाले चप्पल सबसे सही रहते हैं।
- ठंडे पानी से बिल्कुल दूर रहें सुबह सुबह टैंक का पानी हड्डियां जमा देने वाला होता है। कपड़े धोने हों या बर्तन मांजने हों तो पहले बाल्टी में गुनगुना पानी डाल लें या फिर दस्ताने पहन लें। हाथ पैर बेवजह ठंडे पानी में न डुबोएं।
- रोज तेल से मालिश करें बादाम का तेल हो या जैतून का या फिर सरसों का तेल जो आपको पसंद हो। सोने से पहले हल्के हाथों से उंगलियों की अच्छे से मालिश करें। इससे खून का दौर ठीक रहता है और स्किन भी नरम बनी रहती है। सूखी त्वचा में दरारें जल्दी पड़ती हैं और ठंड में दर्द दोगुना हो जाता है।
- अचानक गर्म न करें बाहर से आए और सीधे गर्म पानी की बोतल पैरों से लगाकर बैठ गए तो मुसीबत को न्योता दे रहे हैं। पहले कम्बल ओढ़कर या मोजे पहनकर थोड़ी देर नॉर्मल तापमान में रहने दें। धीरे धीरे शरीर खुद को एडजस्ट कर लेगा। तेज गर्मी से नसों को और नुकसान पहुँचता है।
- हल्की एक्सरसाइज जरूर करें पैर की उंगलियों को घुमाएं। आगे पीछे करें। अंगूठे से बाकी उंगलियों को छूने की कोशिश करें। दिन में तीन चार बार दो दो मिनट करेंगे तो मांसपेशियां जकड़ी हुई नहीं रहेंगी और खून अच्छे से दौड़ेगा।
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