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Up Kiran, Digital Desk: गर्मी की दोपहरें जब सूरज आसमान में आग बरसा रहा होता है और उमस भरी रातें जब पंखा भी राहत नहीं देता इस मौसम को हम अकसर सिर्फ ‘असहनीय’ कहकर टाल देते हैं। मगर गर्मी सिर्फ असुविधा नहीं शरीर पर एक अदृश्य दबाव भी डालती है खासकर दिल पर। अब तक यह धारणा रही है कि ठंड में हार्ट अटैक के मामले बढ़ते हैं। मगर विशेषज्ञों की मानें तो चुपचाप खामोशी से यह झुलसता मौसम भी दिल पर गहरी चोट पहुंचा सकता है।

हार्ट अटैक सिर्फ सर्दी की बीमारी नहीं

गर्मी में हार्ट अटैक का खतरा उतना ही गंभीर है जितना सर्दियों में। वजहें कई हैं मगर सबसे अहम है शरीर में होने वाला डिहाइड्रेशन यानी पानी की कमी। ज्यादा पसीना बहने से शरीर का इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बिगड़ जाता है। शरीर में पानी कम होने पर खून गाढ़ा होने लगता है जिससे दिल को उसे पंप करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है  और यहीं से शुरू होती है खतरे की घंटी।

क्या करें

  • दिनभर खूब पानी पिएं खासकर बाहर निकलने से पहले
  • नारियल पानी नींबू पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर पेय अपनाएं
  • कैफीन और अल्कोहल से दूरी बनाएं ये शरीर को और डिहाइड्रेट कर सकते हैं

जब गर्मी बन जाए ‘साइलेंट किलर’

गर्मी सिर्फ शरीर को बाहर से नहीं झुलसाती यह अंदर की तापमान नियंत्रण प्रणाली को भी गड़बड़ा देती है। जब धूप और उमस लगातार शरीर को घेरे रहती है तो ब्लड प्रेशर का अचानक गिरना या बढ़ना आम बात हो जाती है  खासकर उन लोगों में जिन्हें पहले से हृदय रोग है या हाई बीपी की शिकायत है।

बचाव के उपाय

दोपहर 12 से 4 बजे के बीच बाहर निकलने से बचें

सुबह या शाम के वक्त ही वॉक या काम के लिए जाएं

हल्के और ढीले सूती कपड़े पहनें

अगर घर में एसी नहीं है तो ठंडी जगह या छांव में रहें

फिटनेस का जुनून न बन जाए खतरा

गर्मी में एक्सरसाइज करना अच्छी आदत हो सकती है मगर समय और तरीका अगर गलत हुआ तो यह दिल के लिए खतरा बन सकता है। धूप में दौड़ लगाना बिना ब्रेक के वर्कआउट करना या शरीर की थकान को नजरअंदाज करना  ये सभी आदतें हार्ट अटैक की संभावना को बढ़ा सकती हैं।

सावधानी बरतें

  • व्यायाम का समय सुबह जल्दी या शाम को रखें
  • हाइड्रेटेड रहें और ब्रेक जरूर लें
  • शरीर की थकान या बेचैनी को हल्के में न लें  ये संकेत हो सकते हैं कि दिल पर दबाव है

 

 

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