Up Kiran, Digital Desk: जो कंपनी ChatGPT जैसा पावरफुल AI बनाती है, जो सेकंडों में हज़ारों शब्द लिख सकता है, वो अब इंसानों को अच्छी-खासी सैलरी पर नौकरी पर क्यों रख रही है? जी हाँ, ये सच है। OpenAI, जो ChatGPT बनाने के लिए जानी जाती है, कंटेंट स्ट्रेटेजी बनाने के लिए इंसानों को काम पर रख रही है।
ये बात सुनने में थोड़ी अजीब लगती है, लेकिन इसके पीछे एक गहरी और बड़ी वजह छिपी है।
सिर्फ़ लिखना ही काफ़ी नहीं है
पिछले कुछ सालों से यह माहौल बन गया था कि AI अब लिखने वालों की नौकरी ख़त्म कर देगा। लेकिन OpenAI का यह कदम बताता है कि कहानी इतनी सीधी नहीं है। AI बेहतरीन ड्राफ्ट, आर्टिकल और समरी लिख सकता है, लेकिन सिर्फ़ ज़्यादा मात्रा में कंटेंट बना देना ही सब कुछ नहीं होता। कंटेंट की दुनिया में क्वालिटी हमेशा क्वांटिटी से ज़्यादा ज़रूरी होती है।
एक अच्छी कंटेंट स्ट्रेटेजी का मतलब सिर्फ़ पन्नों पर शब्द लिखना नहीं है। इसका असली मतलब है:
लोगों को समझना: कंटेंट किसके लिए बनाया जा रहा है, उनकी ज़रूरतें क्या हैं, यह समझना।
सही आवाज़ बनाना: कंपनी की एक अपनी पहचान और बात करने का तरीका (Brand Voice) बनाना।
भरोसा जीतना: ऐसा कंटेंट बनाना जो असली और भरोसेमंद हो, जिससे लोग जुड़ सकें।
योजना बनाना: कब, क्या और कैसे पोस्ट करना है, इसकी पूरी प्लानिंग करना।
ये सारे काम गहरी समझ, अनुभव और इंसानी सूझबूझ की मांग करते हैं, जो फ़िलहाल AI के बस की बात नहीं है।
इंसान और AI: दुश्मन नहीं, दोस्त
दुनियाभर की कंपनियाँ अब यह समझ रही हैं कि AI को एक ताक़तवर असिस्टेंट की तरह इस्तेमाल किया जाना चाहिए, ना कि इंसानों का पूरी तरह से विकल्प। इंसान कहानी का दिल और दिमाग़ तय करता है, और AI उसे तेज़ी से लिखने में मदद करता है। इसके बाद, इंसान यह पक्का करता है कि जानकारी सही हो, कहानी में भावनाएँ हों और वह पढ़ने वालों को पसंद आए।
जैसा कि एक एक्सपर्ट कहते हैं, “AI तेज़ी से टाइप कर सकता है, लेकिन ग्राहक तेज़ी से नहीं खरीदते। वे तब खरीदते हैं जब कहानी उनके दिल को छू जाती है।” एक और एक्सपर्ट का मानना है कि “AI वेब पर जानकारी का ढेर लगा सकता है, लेकिन भरोसा नहीं बना सकता। वो काम इंसानों का है।”
                    
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